रुद्रपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा से गांजा ला रहे दो तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से 86 किलो गांजा भी बरामद हुआ। जबकि गिरोह का मुख्य सरगना और ट्रांसपोर्टर समेत चार आरोपित फरार हो गए। बाद में पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार तस्करों को जेल भेज दिया है, जबकि फरार चल रहे तस्करों की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है। गांजे की अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 86 लाख रुपये बताई जा रही है।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि सूचना मिली थी कि बाहरी राज्यों से नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है। इस पर गुरुवार तड़के सीओ सिटी अमित कुमार, एसओजी प्रभारी कमलेश भटट के नेतृत्व में एसओजी ने किच्छा रोड, बगवाड़ा में डीटीडीसी कोरियर के सामने वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने एक पिकअप वाहन यूके-06-सीबी-4683 को रूकने का इशारा किया। पुलिस को देख चालक वाहन को पीछे मोड़ने लगा। शक होने पर पुलिस और एसओजी कर्मियों ने घेराबंदी कर पिकअप वाहन को रोक लिया और उसमें सवार दो युवकों को दबोच लिया। तलाशी में पिकअप वाहन से एसओजी को 88 पैके गांजा बरामद हुआ। जिसे तोलने पर वह 68 किलो निकला।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि पुलिस पूछताछ में पकड़े गए तस्करों ने अपना नाम ग्राम कनकरी, शीशगढ़, बरेली निवासी राजेंद्र मोर्य पुत्र छेदालाल और भैरपुरा, थाना भोजीपुरा, बरेली निवासी पुष्पेंद्र कुमार पुत्र प्रताप सिंह बताया। बताया कि वह गांजा लेने के लिए भूरारानी निवासी रमेश साहनी पुत्र बाबू साहनी के साथ छत्तीसगढ़ के सकुमा गए थे। पूर्व में भी वह कई बार वहां से गांजा ला चुके हैं। बताया कि गांजा उन्हें रमेश साहनी के भाई भूरारानी निवासी राकेश साहनी उर्फ पेंटर व वहीं के ही मुकेश साहनी पुत्र धुरी साहनी को देना था।
बताया कि तस्करी में पीकेएस ट्रांपोर्ट के पिकअप वाहन स्वामी खेड़ा, वार्ड नंबर पांच निवासी सुरेंद्र गिरी पुत्र राजपाल गिरी का भी शेयर है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि सभी आरोपितों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार राजेंद्र मोर्य और पुष्पेंद्र कुमार को जेल भेज दिया गया है। जबकि फरार सरगना राकेश साहनी और उसके भाई रमेश साहनी के साथ ही मुकेश साहनी और ट्रांसपोर्टर सुरेंद्र गिरी की तलाश की जा रही है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।