उत्तराखंड

पलायन रोकने में मददगार होगा ज्योति विद्यालय….

जोशीमठ: सीमांतवर्ती क्षेत्र जोशीमठ में ज्योति विद्यालय के उच्चतर माध्यमिक संस्थान का लोकर्पण कार्यक्रम समारोह के साथ ही विद्यालय का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण करण के उपलक्ष में ज्योति विद्यालय परिवार द्वारा एक संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारत के कुछ राज्यों के लोक नृत्यों का विद्यालय की छात्र छात्राओं द्वारा सुन्दर प्रस्तुति की गई ।

जिसमें प्रमुखतया देवभूमि उत्तराखंड का गढ़वाली लोकनृत्य “खेला झुमैलो” ढ़ोल दमाऊ की थाप पर देवी देवताओं के प्रतीक चिह्नों के नृत्य के साथ ही सीमांतवर्ती क्षेत्र के पुरुषों का गढ़वाली एवं भोटिया भेष -भूषा ऊनी वस्त्र एवं महिलाओं का पारंपरिक वस्त्र घाघरा पहने हुए टोकरी, घड़ा,एवं कंडी लिए हुए झुमैलो नृत्य देखने को मिला।

वही छात्र-छात्राओं द्वारा कुचिपुड़ी ,पंजाबी एवं फिल्मी गानों पर भी नृत्य कर सुन्दर प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर समिति के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि ज्योति विद्यालय प्रबंधन सीमांतवर्ती क्षेत्र में स्थित ज्योति विद्यालय का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण कर यंहा के बच्चों का सर्वांगीण विकास के लिए उच्च शिक्षा के साथ- साथ भारतीय एवं उत्तराखंड की धार्मिक एवं लोक संस्कृति को भी बढ़ावा दे रही।इसके लिए विद्यालय प्रबंधन स्वागत योग्य है। हम इसका स्वागत करते हैं।

वह इस अवसर पर गढ़वाल के बिशप बिन्सेंट ने कहा कि सीमांत सीमांत भर्ती क्षेत्र जोशीमठ के लोगों की यह एक बहुत बड़ी समस्या रही कि लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिये यहां से बाहर पलायन कर रहे हैं। अब ज्योति विद्यालय जोशीमठ का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण होने से कुछ हद तक यंहा से लोगों का पलायन रुक जाएगा। इसी सत्र से ही 11वीं कक्षा प्रारंभ कर दी जाएगी। साथ ही ज्योति विद्यालय के फादर ने कहा कि हमारा प्रयत्न है। कि सभी लोगों की उन्नति हो। सभी लोग शिक्षित हों। जिससे कभी भी उनके जीवन में किसी भी प्रकार कठिनाई न आये। ज्योति से ज्योति जलाते रहें। ताकि सभी लोगों को प्रकाश मिल सके।

कार्यक्रम की शुरुआत उप जिला अधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी ने सभी अतिथियों के साथ मिलकर दीपप्रज्वलित कर किया।

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