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आखिर सरकार हुई जोग हट के सामने नतमस्तक…मामला है संत नगरी हरिद्वार से जुड़ा हुआ

देहरादून: कहा जाता है कि तीन हट के सामने किसी की नहीं चलती है यानी इन तीनों ने कोई हट बांध ली है तो उसे मनवा कर ही दम लेते हैं. इनमें से एक है बाल हट, दूसरी त्रिया हट और तीसरी है जोग हट ….

हम बात कर रहे हैं जोग हट की. यानी उत्तराखंड सरकार में भगवा वस्त्र धारण किए हुए मंत्री की. ऐन चुनाव से पहले भगवाधारी मंत्री ने सरकार से जोग हट के चलते अपनी चुनाव मैनेजमेंट के लिए आखिर यह बात मनवा ही ली. इसको लेकर के इन दिनों चर्चाओं का बाजार गरम है. बड़ा सवाल यह है कि आखिर मंत्री जी किस मैनेजमेंट के लिए चुनाव से ऐन पहले अपने पसंदीदा आबकारी अधिकारी को अपने जिले में लाना चाह रहे हैं. क्या विधानसभा चुनाव का मैनेजमेंट मंत्री जी का इस अधिकारी के माध्यम से होगा….

ताजा मामला मुख्यमंत्री के बेहद खास हमेशा उनके साथ दिखने वाले हरिद्वार ग्रामीण से विधायक और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से जुड़ा हुआ है. जी हां उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का एक कथित लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लेटर के हिसाब से कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने अपने जिले में जिला आबकारी अधिकारी को ट्रांसफर करने की बात कह रहे हैं. सोशल मीडिया पर ट्रांसफर का लेटर वायरल होने के बाद इसपर जमकर प्रतिक्रिया आ रही है. दरअसल मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद अपने लेटर पैड पर लिखे पत्र में बकायदा एक आबकारी अधिकारी को हरिद्वार का जिला आबकारी अधिकारी नियुक्त करने के लिए कह रहे हैं.

उत्तराखंड आबकारी विभाग के सचिव को लिखे पत्र में मंत्री यतीश्वरानंद एक आबकारी अधिकारी को हरिद्वार का आबकारी अधिकारी बनाने का निर्देश दे रहे हैं. लेटर में जिस अधिकारी की बात हो रही है, उनका नाम अशोक कुमार मिश्रा है और वे फिलहाल उधमसिंह नगर में सहायक आबकारी आयुक्त जनपदीय प्रवर्तन के पद पर तैनात हैं. यही कारण है कि हरिद्वार आबकारी अधिकारी के पद पर तैनात करने के लिए शासन के अधिकारियों को मंत्री के द्वारा ये लेटर लिखा गया है.

कुल मिलाकर स्थानांतरण का आधार जो भी हो लेकिन एक बात तो प्रबल तरीके से सामने आ ही गई है कि भगवा वस्त्र धारण कर सनातन धर्म का ध्वजवाहक होने व विश्वकल्याण का मंत्र जपने वाले मंत्री को आखिर चुनाव के समय आबकारी अधिकारी की क्यों जरूरत पड़ रही है इस बात को लेकर आम जनमानस व समाज के भीतर सवाल उठने लाजमी है…

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