देहरादून : कोरोना के मामले बढ़ने और नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए सरकार भी गंभीर हो गई है। राज्य में कोरोना की दोनों डोल ले चुके फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोल लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्टीकाकरण की कार्ययोजना समीक्षा की। बताया गया कि तीन जनवरी से 15 से 18 वर्ष की आयु के लगभग 6.50 लाख बच्चों के टीकाकरण को अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही 10 जनवरी से 60 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं व फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर डोज (ठववेजमत क्वेम) लगाने का क्रम शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के लिए रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डों पर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उधर, मुख्यमंत्री धामी ने राज्यवासियों के नाम जारी अपील में कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है। अभी भी हर दिन औसतन 30 से 50 मामले आ रहे हैं, जबकि शुक्रवार को यह संख्या 88 रही। कोरोना के नए वायरस चिंता का विषय बने रहते हैं। इस स्थिति में हम सबको मिलकर पूर्ण जनसहयोग व पूरी शक्ति से इस महामारी से लडऩा है और अपना और अपनों का बचाव करना है।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि सभी संबंधित विभागों के समेकित प्रयासों से हम कोरोना की पहली व दूसरी लहर का सामना करने में सफल हुए हैं। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का प्रभाव भी धीरे-धीरे बढ़ता दिख रहा है। ऐसे में सभी अस्पतालों में व्यवस्थाएं कर ली जाएं। उन्होंने इसे बेहद गंभीरता से लेने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोनारोधी वैक्सीन की दूसरी डोज शत-प्रतिशत लगाने के लिए अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों, शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा सहित अन्य विभागों को निर्देश दिए कि वे तीन जनवरी से शुरू होने वाले 15 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों के टीकाकरण अभियान की प्रभावी कार्ययोजना तत्काल तैयार कर लें। साथ ही एक दिन में एक लाख वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित करने और इसके लिए व्यापक जनजागरूकता पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले डायलिसिस सेंटरों की स्थापना एक सप्ताह के भीतर करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं व मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।