देहरादून: कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। सरकार का दावा है कि दिसंबर तक 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन करना है। जिसके लिए सरकार लगातार प्रयास भी कर रही है, लेकिन चिंता की बात यह है कि जहां पहली डोज लगाने का आंकड़ा करीब 80 प्रतिशत पहुंच गया है। वहीं, दूसरी डोज लगाने का आंकड़ा केवल 28 प्रतिशत ही पहुंच पाया है। स्थिति यह है कि करीब 4 लाख लोग तारीख गुजरने के बाद भी वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने नहीं पहुंचे हैं।
कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगाना जरूरी है। कई शोधों में भी यह बात सामने आ चुकी है कि दोनों डोज लगाने वालों में जान का खतरा या गंभीर स्थित का खतरा बहुत कम है। बावजूद लोग वैक्सीन लगाने नहीं पहुंच रहे हैं। कोविड संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी जरूरी है। संक्रमण के खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं। उत्तराखंड में वैक्सीन की दूसरी डोज की तारीख गुजरने के बाद भी लगभग चार लाख लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। पिछले 8 माह में केवल 28 प्रतिशत को दूसरी डोज लग पाई है।
प्रदेश में 18 से अधिक आयु वर्ग में 77.29 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जानी है। इसमें पांच सितंबर तक 67.50 लाख को पहली और 21.61 लाख को वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है। केंद्र सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए 84 दिन और को-वैक्सिन लगवाने के लिए 28 दिन का समय तय किया है।
प्रदेश में वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके लगभग चार लाख लोगों ने तारीख आने के बाद भी दूसरी डोज नहीं लगवाई है। जबकि प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों के पास 12.37 लाख टीकों का स्टॉक उपलब्ध है। जिसमें 1.22 लाख को-वैक्सीन और 11.15 लाख कोविशील्ड वैक्सीन शामिल हैं।
ब्रेक थ्रू इंफेक्शन (दो डोज लगाने के बाद संक्रमित होना) से मरीज के अस्पताल में भर्ती करने या मौत की संभावना काफी कम है। उन्होंने लोगों से अपील की है जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। वे दूसरी डोज अवश्य लगाएं। जिससे संक्रमण से सुरक्षा कवच मिल सके।