इस वर्ष 2079 में फाल्गुन पूर्णिमा केवल पहले दिन 6 मार्च 2023 को ही प्रदोष व्यापिनी है 7 मार्च को तो वह उत्तरी भारत मे प्रदोष को बिल्कुल स्पर्श नही कर रही 6 मार्च 2023 को प्रदोष काल जो कि लगभग( 18 घ 25) मिनट से (25 घ 55 मिनट) तक रहेगा भद्रा से व्याप्त है और भद्रा निसिथ अर्द्ध रात्रि से कही आगे जाकर अगले दिन प्रातः (5:14)(29:14) तक जाकर समाप्त हो रही है एवम अगले दिन 7 मार्च को यद्यपि पूर्णिमा सार्ध त्रियाम व्यापिनी साढ़े तीन प्रहर से अधिक व्याप्त है परन्तु प्रतिपदा तिथि ह्रास गामिनी (प्रतिपदा का मान पूर्णिमा के मान से कम होने के कारण) होने से पहले 6 मार्च को प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा में भद्रा मुख पुच्छ का विचार न करके भद्रा में ही प्रदोषकाल में ही होलिका दहन किया जाएगा
यदि प्रदोषकाल में भद्रा मुख हो तो भद्रा के बाद अथवा प्रदोष के बाद होलिका दहन किया जाएगा यदि दोनों दिन पूर्णिमा प्रदोष को स्पर्श न करे तो पहले दिन भद्रा पुच्छ में होलिका दहन हो यदि यहाँ भद्रा पुच्छ भी न मिले तो भद्रा में ही प्रदोष के अनन्तर होलिका दीपन करें फाल्गुन पुर्णिमा में भद्रा के मुख एवम पुच्छ का निर्णय इस प्रकार किया जाएगा
भद्रा के कुल मान में से तृतीय चरण का समाप्तिकाल ज्ञात करे यह भद्रा के मुख व पुच्छ का समाप्तिकाल है तृतीय चरण के समाप्तिकाल( 26 घ -00)मि में कुल मान का षष्ठ अंश तुल्य (2 घ-09)मि जमा करने पर भद्रा मुख( 26:00से 28:09 )तक का काल तथा तृतीय चरण में से दशमांश तुल्य (1 घ-18)मि घटाने से भद्रा पुच्छ (24 घ-42मि से 26 घ-00)मि तक का काल निकल आएगा !!होलिका दहन 6 तारीख खेलने वाली होली है