चमोली: सच ही कहा गया है पढ़ाई उम्र की मोहताज नहीं होती है। कुछ ऐसे ही कर दिखाया उत्तराखंड चमोली की कमला रावत ने। उन्होंने अपनी बेटी के साथ परीक्षा दी और पास भी हुई है। उनकी कहानी ने उत्तराखंड की सैंकड़ों महिलाओं को प्रेरित किया है। कमला ने साल 2018 में हाईस्कूल पास किया और 2021 में इंटर पास किया। उनकी शादी साल 2006 में हुई थी। उनका पढ़ने का मन था लेकिन घर की जिम्मेदारी ने उसे रफ्तार नहीं दी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और किताबों से रिश्ता खत्म नहीं होने दिया।
कमला चमोली जिले के दशोली विकासखंड स्थित ग्राम ठेली में रहती है। उनका विवाह वर्ष 2006 में ठेली निवासी हरेंद्र सिंह से हुआ था। उनके पति एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं और दिल्ली में रहते हैं। उन्हें पढ़ाई करने का मन पहले से था लेकिन शादी के बाद लगा कि यह बस सपना ना रह जाए। वह परिवार संभालने में व्यस्त रहने लगी। कमला के तीन बच्चे हैं। सरकार ने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान शुरू किया तो कमला भी इसका हिस्सा बन गई।
शादी से पहले तक उन्होंने आठवीं तक पढ़ाई की थी। वहीं बच्चों के साथ भी वह किताबे पढ़ा करती थी। कुछ साल पहले उन्होंने फैसले किया वह अपनी पढ़ाई पूरी करेंगी। परिवार वालों ने भी उनका साथ दिया और वर्ष 2018 में राजकीय इंटर कालेज नंद्रप्रयाग से उनका दसवीं की परीक्षा के लिए प्राइवेट फार्म भरवा दिया। इस परीक्षा में वह उतीर्ण रहीं और इस साल राइंका नंदप्रयाग से ही उन्होंने द्वितीय श्रेणी में बारहवीं पास की है। उनका कहना है कि वह आगे भी पढ़ाई जारी रखेंगी। कमला की बड़ी बेटी आईशा रावत वर्तमान में इंटर कालेज मैठाणा में दसवीं की छात्रा है, जबकि बेटा प्रसून रावत जूनियर हाईस्कूल पलेठी में आठवीं और छोटी बेटी कृष्णा प्राथमिक विद्यालय ठेली मैड में पांचवीं में अध्ययनरत है।