आज घर और मंदिरों में प्रथम पूजनीय गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। कोरोना के कारण इस साल आयोजक समितियों की ओर से भव्य पांडाल नहीं सजाए गए। कोविड गाइडलाइन के तहत सूक्ष्म रूप से विभिन्न जगहों पर प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाएगी। गुरुवार रात 12:17 पर चतुर्थी तिथि शुरू होगी जो शुक्रवार रात 10 बजे तक रहेगी।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के साथ गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। स्थापना व विसर्जन के दौरान ढोल नगाड़ों के साथ गणेश की नगर परिक्रमा कराई जाती है, लेकिन कोरोना गाइडलाइन का पालन और भीड़ कम हो इसलिए आयोजक समितियों ने तीन से पांच दिनों में विसर्जन करने का निर्णय लिया है। भाद्रपद में गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि आती है। लोग घरों में भगवान की प्रतिमा स्थापित कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। अनंत चतुर्दशी पर गणेश भगवान के अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना कर उनको विदाई दी जाती है।
ऐसे करें पूजा
सुबह स्नान के बाद पूजा स्थल अथवा मंदिर को साफ करें। पूजा के लिए जल कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, कलवा, जनेऊ, नारियल, इलायची, सुपारी लौंग, पंचमेवा, घी, गंगाजल, चौकी एकत्र करें। गणेश की प्रतिमा स्थापित कर मोदक, लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद गणपति की आरती करें।