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चमोली जोशीमठ:
जोशीमठ प्रवास के दौरान शंकराचार्य जी ने आपदा प्रभावितों से मिलकर सभी पहलुओं पर विस्तार से की चर्चा
ज्योतिष्पीठ पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीःअविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी महाराज ने कहा कि वे जोशीमठ आपदा प्रभावितों के साथ खड़े हैं। ज्योतिर्मठ की ओर से उन्हें हर संभव सहयोग किया जाएगा । आपदाग्रस्त जोशीमठ में पिछले एक महीने के अन्दर ये तीसरी यात्रा थी उनकी । शंकराचार्य जी ने कहा कि आगामी 12 फरवरी को शीतकालीन अवकाश के बाद माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में जोशीमठ आपदा प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए मजबूती से पक्ष रखेंगे। शंकराचार्य ने आपदा पीड़ितों से सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
दो दिवसीय प्रवास के दौरान ज्योतिर्मठ परिसर में आपदा प्रभावितों से भेंट करते हुए ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य जी ने आपदा पीड़ितों से उनकी आपबीती सुनी और पिछले 1 महीने में उन लोगों ने किस तरह की समस्याएं हुईं, उससे अवगत हुए । आपदा पीड़ितों को आश्वस्त करते हुए शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी ने कहा कि शीतकालीन अवकाश के बाद आगामी 12 फरवरी को जोशीमठ आपदा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल में मजबूती से पक्ष रखेंगे । इस दौरान शंकराचार्य ने आपदा के समत प्रभावितों का सहयोग कर रहे युवाओं को सम्मानित किया । इसके अलावा शंकराचार्य जी ने जोशीमठ आपदा पर गीत लिखने वाले मुकेश नेगी को भी सम्मानित किया ।
पैनखंडा के कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय किमाणा के लिए सरस्वती की मूर्ति भी भेंट की ।
अपने ज्योतिर्मठ प्रवास के दौरान शंकराचार्य ने जोशीमठ को बचाने के लिए पिछले 16 जनवरी से नृसिंह मंदिर में आयोजित रक्षा महायज्ञ में शामिल होकर दैनिक पूर्णाहुति में भी भाग लिया।
इस अवसर पर श्रीनगर कमलेश्वर मंदिर के श्री महंत आशुतोष पुरी, ज्योतिर्मठ प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी , श्रवणानंद ब्रह्मचारी , विष्णुप्रियानंद ब्रह्मचारी, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार, प्रवीण नौटियाल, भगवती नंबूरी , शिवानंद उनियाल कुशलानंद बहुगुणा, रवि भट्ट, बाणी विलास डिमरी, समीर डिमरी, श्रीराम डिमरी आदि उपस्थित रहे ।
ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में आयोजित रक्षा महायज्ञ में अब तक 307 सहस्त्र चंडी पाठ हो चुके हैं और 571200 आहुतियां हो चुकी हैं ।