इन दिनों देशभर में चमत्कारी बाबा मीडिया की सुर्खियों में है रोज सोशल मीडिया अखबारों और मीडिया न्यूज़ चैनलों में चमत्कारी बाबा के ही चर्चे और डिबेट हो रही हैं ऐसे में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने चमत्कारी बाबा को लेकर अपनी टिप्पणी की है
“हम उनके लिए फूल बिछाएंगे कि आओ, ये जो हमारे मकान में दरार आ गई है, हमारे मठ में आ गई है, उसे जोड़ दो. अगर किसी के पास कोई अलौकिक शक्ति आ गई है और जादूगर की तरह छड़ी घुमा कर अचानक कुछ कर सकते हैं तो उन्हें यह करना चाहिए. हम लोग तो ऐसा चमत्कार नहीं जानते.
कोई ऐसा चमत्कारी पुरुष है तो धर्मांतरण रोक दे. लोगों की आत्महत्या रोक दे. लोगों के घरों में झगड़े हो रहे हैं, फसाद हो रहे हैं, सुमति ला दे. पूरा देश आकर एक-दूसरे से प्यार करने लग जाए. जो वर्गों में विद्वेष हो रहे हैं, उन वर्गों के विद्वेष को रोक दे. ऐसा कुछ जनता और राष्ट्र के लिए उपयोगी चमत्कार कर के दिखाए, तब हम उसको चमत्कारी पुरुष कह सकते हैं.”
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि यदि कोई चमत्कारी बाबा जोशीमठ की दरारों को सही कर दे तो हम भी उस चमत्कार को मानेंगे ऐसे में अभी तक शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की टिप्पणी के पश्चात कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आखिर कौन है यह चमत्कारी बाबा धीरेंद्र शास्त्री
हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लगे थे. रामकथा के साथ धीरेंद्र शास्त्री ‘दिव्य चमत्कारी दरबार’ लगाते हैं. मानने वाले बहुत महिमामंडन करते हैं. ऐसी ही एक ‘श्रीराम चरित्र-चर्चा’ महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुई थी. तय तो था कि ये कथा 13 जनवरी तक चलेगी, लेकिन कार्यक्रम दो दिन पहले यानी 11 जनवरी को ही संपन्न हो गई.
क्यों? क्योंकि नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने आरोप लगाए कि ‘दिव्य दरबार’ और ‘प्रेत दरबार’ की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री ‘जादू-टोना’ करते हैं. देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है. समिति ने पुलिस से मांग भी की है कि धीरेंद्र शास्त्री पर कार्रवाई हो. इस वजह से धीरेंद्र को कार्यक्रम छोड़कर भागना पड़ा.