उत्तराखंड

ज्योतिर्मठ के भू धंसाव पर ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जताई चिंता, समाधान के लिए लिखा राष्ट्रपति को पत्र

चमोली:  चीन सीमा से सटे चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। क्षेत्र की सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद अब जोशीमठ के ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान केंद्रित किया गया है। शासन ने सिंचाई विभाग को शीघ्र ही यह का ड्रेनेज प्लान व इसकी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं, जोशीमठ के सीवर सिस्टम से जुड़े कार्यों को जल्द पूर्ण कराकर सभी घरों को सीवर लाइन से जोड़ने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए गए हैं।

तो वहीं दूसरी ओर ज्योर्तिमठ आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक प्रमुख मठ की जगतगुरु शंकराचार्य ने राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को एक पत्र लिखा है जिस पत्र में लिखा है कि….

आपको सादर अवगत कराना है कि ज्योर्तिमठ आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक प्रमुख मठ है यह धार्मिक स्थल आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थल होने के साथ ही देश के चार धामों में प्रमुख बद्रीनाथ धाम का मुख्य आधार स्थल भी है। इसी स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित पौराणिक नरसिंह मंदिर भी है जो करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था का केंद्र है। आदरणीय आदि गुरु शंकराचार्य की तपोस्थली ज्योर्तिमठ वर्तमान नाम जोशीमठ के कई क्षेत्रों में निरंतर भूत हटाओ की समस्या आरंभ हो गई है। इसके कारण दर्जनों अवश्य भवन छतिग्रस्त हो गए हैं एवं नगर क्षेत्र में रह रहे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। यह संपूर्ण क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से भी जोन 5 के अंतर्गत आता है तथा अति संवेदनशील है।

आदरणीय वर्तमान में इस धार्मिक नगर में 20000 से अधिक लोग निवास करते हैं तथा इस स्थान पर अनेक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल भी अवस्थित है। नगर के अंतर्गत सभी आवासीय भवनों का सर्वेक्षण कराया जाना तथा प्रभावित लोगों को अभिलंब आवासीय सुविधा प्रदान कराया जाना अति आवश्यक है। हम चाहते हैं कि जो ज्योर्तिमठ एवं वहां के सभी निवासी सदा निर्णय एवं सुरक्षित रहे। राष्ट्रपति महोदय आपसे निवेदन है कि इस गंभीर विषय पर संज्ञान लेते हुए आप अपने स्तर पर प्रभावी कार्यवाही करने की कृपा करेंगे….

तो जिस तरीके से लगातार जोशीमठ शहर में भू धसाव आता रहा है जिसको लेकर जोशीमठ के ग्रामीण लगातार आंदोलन करते हैं। वह सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जल्दी उनकी समस्याओं का निस्तारण हो। वही जोशीमठ के लोग सड़कों पर हैं तो अब वही दूसरी तरफ ज्योर्तिमठ आदेश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ने भी अब राष्ट्रपति को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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