कथा रूप में भगवान् भक्त के हृदय में प्रवेश करते हैं
भक्त की करुण पुकार सुनकर भगवान् भक्त के पास आ जाते हैं; ऐसी अनेक कथाएं पुराणों में हम सबको सुनने को मिलती हैं। परन्तु श्रीमद्भागवत की कथा के श्रवण से भगवान् न केवल आपके घर में अपितु साक्षात् आपके हृदय देश में प्रविष्ट हो जाते हैं।
उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ ने चातुर्मास्य के अवसर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के प्रवचन में कही।
उन्होंने कहा कि कितने लोग कथा सुन रहे हैं इस बात से मुक्ति का कोई सम्बन्ध नहीं है अपितु कितनी गहराई से, कितने मन से व्यक्ति कथा सुन रहा है इसी आधार पर व्यक्ति की मुक्ति निश्चित होती है। उदाहरण देते हुए कहा कि धुन्धुकारी महान् पापी था परन्तु उसने बडे ध्यान से कथा सुनी इसलिए कथा श्रवण से उसकी तत्काल मुक्ति हो गयी।
पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज के प्रवचन के पूर्व रघुवीर शास्त्री ने पादुका पूजन किया। आज की कथा के यजमान श्री रघुवीर शास्त्री जी रहे।
मंच पर बच्चो नेभजनों की प्रस्तुति की इंग्लिश मे भाषण सुनाया , संदीप तिवारी पार्टी के द्वारा भी भजन सुनाए गए
प्रमुख रूप से चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष व निजी सचिव *ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, ऋषिकेश संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी* आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन *श्री अरविन्द मिश्र* एवं संचालन *ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी* ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ज्योतिष पीठ के सीईओ चंद्र प्रकाश उपाध्याय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति पंडित देवदत्त दुबे अन्नू भैया सुंदर पांडे सुनील शर्मा सोहन तिवारी माधव शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी रामकुमार तिवारी पंडित आनंद उपाध्याय बद्री चौकसेश्री हर नारायण तिवारी लक्ष्मी नारायण तिवारी टिंकु अग्रवाल राघवेंद्र सिंह राजपूत अमित तिवारी अजय पटेल जितेंद्र राय अरविंद पटेल कपिल नायक सहित बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही हैै कार्यक्रमके उपरांत प्रसाद का वितरण किया गया
*शङ्कराचार्य को शिवलिंग किया समर्पित*
राजस्थान से आए देवकीनन्दन जी ने अपने सहयोगियों के साथ आज कथा मंच पर 42 शिवलिंग पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज को समर्पित किए। उन्होंने कहा कि सभी सनातनधर्मियों की भाॅति हम राजस्थान के लोगो की भी प्रबल इच्छा है कि काशी के ज्ञानवापी परिसर में प्रकट हुए भगवान् आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना नियमित रूप से हो। इसके लिए राजस्थान भर में अभियान चलाया जाएगा और शङ्कराचार्य जी के आह्वान अनुसार 11 लाख शिवलिंग स्थापित कर काशी में आदि विश्वेश्वर का प्रतीक पूजन किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि चातुर्मास्य के अवसर पर पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज का गीता पर प्रवचन प्रातः 7.30 से 8.30 बजे तक भगवती राजराजेश्वरी मन्दिर में होता होता है जिसका प्रसारण 1008.guru इस यू ट्यूब चैनल पर प्रतिदिन होता है।