देहरादून: उत्तराखंड से बड़ी खबर है। उत्तराखंड में स्कूल बसों को लेकर सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया है। दरअसल देहरादून के विकासनगर में हुए स्कूल बस हादसे के बाद से अभिभावको को अपने बच्चों की चिंता सता रही थी। उत्तराखंड में आए दिन बस हादसे हो रहे हैं। अब उत्तराखंड परिवहन विभाग ने बच्चों की सूरक्षा को ध्यान में रखा है और सभी स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर दी है।
जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा परिवहन विभाग को स्कूल बसों के लिए गाइड-लाइन जारी करने के निर्देश दिए गए थे। अब विभाग की ओर से जारी गाइड-लाइन में चालकों को लेकर नियम कड़े किए गए हैं। इन नियमों को प़ना और जानना हर अभिभावक के लिए जरूरी है।
पढ़िए नियम…
बस चालक को न्यूनतम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना जरूरी।
चालक का पुलिस सत्यापन अनिवार्य।
यदि चालक का एक बार ओवरस्पीड, खतरनाक ढंग या फिर शराब पीकर वाहन चलाने में चालान हुआ है तो ऐसा चालक प्रतिबंधित रहेगा।
अगर चालक का परिवहन नियम तोडऩे पर पूर्व में दो बार चालान हुआ है तो स्कूल बस चलाने के लिए अयोग्य।
परिचालक की योग्यता केंद्रीय मोटरयान नियमावली के अनुसार होनी अनिवार्य।
बिना योग्य परिचालक के कोई स्कूल बस का संचालन नहीं करेगा।
स्कूल वाहन निर्धारित गति पर संचालित किए जाएं। स्पीड गर्वनर अनिवार्य।
जिन वाहन का उपयोग छात्राओं को ले जाने में होता है, उसमें महिला सहायक का होना अनिवार्य।
सुरक्षा के लिए बंद दरवाजा अनिवार्य। खुले दरवाजे वाले वाहन प्रतिबंधित।
निर्धारित संख्या से अधिक छात्र बैठाना प्रतिबंधित व स्कूल बैग रखने की समुचित व्यवस्था होना अनिवार्य।
वाहन में फर्स्ट एड बाक्स व अग्नीशमन यंत्र होना अनिवार्य
चालक को बच्चों के नाम, पते, ब्लड ग्रुप, रूट प्लान व रुकने के प्वाइंट की पूरी जानकारी होना अनिवार्य।