Rudraprayagउत्तराखंडकेदारनाथखबरेटेकट्रैवलदुनियादेशधर्महेल्थहोम

केदारनाथ में गूगल बाबा कर रहे उत्तराखंड पुलिस की बड़ी मदद ! पढ़िए क्या है पूरा मामला

केदारनाथ

 

 

मुसीबत के वक्त कभी हौसला नहीं होना चाहिए यह उत्तराखंड पुलिस के इस अधिकारी से सीख लेनी चाहिए

कैसे उनके द्वारा अन्य राज्य की बोली भाषा समझ पाने में कठिनाई होने के बाद उनके द्वारा गूगल के माध्यम से इस कठिनाई का हल निकाला गया

 

केदारनाथ यात्रा पर आये श्रद्धालुओं की पुलिस के स्तर से निरन्तर मदद जारी 

गूगल ट्रांसलेटर की मदद से अपने परिजनों से बिछड़ चुकी माता जी को मिलवाया

 

अपनी यात्रा पूरी कर केदारनाथ धाम से वापस आते हुए एक 68 वर्ष की वृद्ध माता जी जो कि  अपने परिजनों से बिछड़ गई थी जोकि गौरीकुण्ड शटल पार्किंग में परेशान अवस्था में मिली, अपने को एकान्त में पाकर और इनकी बोली भाषा भी किसी के समझ में न आने के कारण ये काफी घबराई हुई भी प्रतीत हो रही थी। इनको इंग्लिश या हिन्दी भाषा भी नहीं आ रही थी ये केवल तेलगु भाषा में ही बात कर रही थी। इनके द्वारा उपलब्ध कराये गये परिजनों के मोबाइल नम्बर पर बात की लेकिन वे सभी भी केवल तेलगु भाषा में ही बात कर रहे थे।
इस समस्या के निदान के लिए शटल पार्किंग गौरीकुण्ड में नियुक्त उपनिरीक्षक रमेश चन्द्र बेलवाल एवं आरक्षी पीएसी सुशील कुमार ने इनको पुलिस चेक पोस्ट में बिठाकर हल्का भोजन कराया व इशारों से सांत्वना दी। गूगल ट्रांसलेटर की मदद से उनके के परिजनों की फोन पर कही बोली के आधार पर यह बात पत पता चली कि ये लोग सोनप्रयाग में रुके हैं। जिस पर पुलिस ने एक वाहन की व्यवस्था कर एक हॉकर को माता जी के साथ बिठाकर उनको सोनप्रयाग पहुंच चुके उनके परिजनों से मिलवाया गया, माता जी व उनके परिजनों ने उत्तराखण्ड पुलिस का आभार प्रकट किया गया है।

उत्तराखंड में बद्रीनाथ और केदारनाथ में देश से ही नहीं कई विदेशों से भी श्रद्धालु यात्रा पर पहुंचते हैं ऐसे में यहां की भाषा समझ पाने में उन्हें कठिनाई होती है लेकिन उत्तराखंड पुलिस गूगल बाबा की मदद से हर राज्य की बोली भाषा आसानी से समझ रही है और यात्रियों की मदद कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button