देहरादून: सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत सूबे के किसानों को वर्ष 2021-22 में रूपये दो हजार करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जायेगा। इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर कृषि ऋण मेलों का आयोजन कर प्रत्येक जनपद का लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा। साथ ही एकमुश्त समझौता योजना की तिथि एक माह और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है ताकि किसान पूर्व में लिये गये ऋण को आसानी से चुका सके। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के उत्तराखंड दौरे के मध्यनजर मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना के शुभारम्भ की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को विशेष निर्देश दिये गये।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें सभी जनपदों के सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, महाप्रबंधक, सहायक निबंधक एवं राज्य स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में वर्ष 2021-22 के लिए दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत एक लाख 60 हजार किसानों को रूपये दो हजार करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण दिये जाने का निर्णय लिया गया। विभगाय मंत्री ने बताया कि अब तक सूबे के 60 हजार किसानों को लगभग 600 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जा चुका है। आगामी दो माह में एक लाख किसानों को 1400 करोड़ का ऋण वितरण के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। इस योजना को सफल बनाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर ऋण मेलों का आयोजन कर प्रत्येक जनपद का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा गया।
बैठक में केन्द्रीय गृह एंव सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना के शुभारम्भ की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। इस योजना के अंतर्गत साइलेज का उत्पादन एवं वितरण की सतत् व्यवस्था की जानी है ताकि पशुपालकों को उनके घर तक समय पर साइलेज पहुंचाया जा सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना के तहत प्रथम चरण में चार जिलों पौड़ी, रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ एवं चम्पावत में 50 सहकारी समितियों के माध्यम से साइलेज का वितरण किया जायेगा। इसके उपरांत अन्य जिलों में योजना का संचालन शुरू किया जायेगा। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री मोटर साइकिल टैक्सी योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, एकमुश्त समझौता योजना एवं नये बैंक शाखाओं की स्थापना की भी समीक्षा की गई। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को एकमुश्त समझौता योजना की समय सीमा 15 नवम्बर तक बढ़ाने के निर्देश दिये। इससे पूर्व इस योजना की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर निर्धारित की गई थी।