

सियासत की उथल-पुथल देख रहे महाराष्ट्र से फिर एक बड़ी खबर आई है. देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने नहीं जा रहे हैं. महाविकास अघाड़ी सरकार गिराने के सूत्रधार शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ही सीएम बनेंगे. हालांकि थोड़ी देर पहले तक यह तय खबरें चली थीं कि सीएम पद का ताज एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस के सिर सजेगा, लेकिन उन्होंने खुद इसकी घोषणा की, कि वह सीएम नहीं बन रहे हैं.
एकनाथ शिंदे गुरुवार शाम के साढ़े सात बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. फडणवीस ने बताया कि आज के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में केवल एकनाथ शिंदे का शपथ ग्रहण होगा. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल से बाहर रहेंगे. उन्होंने कहा कि 2019 में बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हमें उस वक्त पूर्ण बहुमत मिला था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें बड़ी जीत मिली थी. फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे लगातार उद्धव ठाकरे से कहते रहे की आप महाविकास अघाडी (कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन) सरकार से बाहर निकलिए लेकिन उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की एक नहीं सुनी.
उन्होंने कहा कि बाला साहब ने जीवन भर जिनसे लड़ाई की, ऐसे लोगों के साथ उन्होंने सरकार बनाई. ढाई साल तक कोई प्रगति नहीं हुई. उद्धव के नेतृत्व में महा विकास अघाडी की सरकार चली. महा विकास अघाडी सरकार को लेकर शिवसेना के कई नेता उद्धव ठाकरे से खफा थे. वहीं एकनाथ शिंदे ने भी इस फैसले पर अपनी बात कही है. उन्होंने कहा नंबर काउंट को देखें तो इस हिसाब से देवेंद्र फडणवीस हम से कहीं आगे हैं. उनके पास अपने 106 विधायक हैं. लेकिन उन्होंने बड़ा दिल दिखाते हुए बाला साहब के विचारों को आगे बढ़ाने का काम किया है. देवेंद्र फडणवीस जैसा इंसान मिलना मुश्किल है. इतना बड़ा पद किसी और को दे देना ये राजनीति में बहुत काम देखने को मिलता है. बालासाहब ठाकरे के एक शिव सैनिक को मौका दिया है.