सावन माह में गलती से भी ना करें यह काम, होगा बड़ा नुकसान…
सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित माना गया है। इस दौरान प्रति दिन भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा गंगा जल से अभिषेक कर करते हैं एवं बेलपत्र अर्पण करते हैं। सावन के महीने में रुद्राभिषेक कराने का भी विशेष महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से जो भी भगवान शिव की पूजा करते है भोले बाबा उनको समस्त पापों से मुक्त कर देते हैं। इससे जीवन में खुशहाली आती है और आरोग्यता का वरदान मिलता है। पौराणिक मान्यता है कि यदि कुंवारी कन्याएं सावन के महीने में विधि पूर्वक शिव जी का पूजन करती हैं तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की अपार भक्ति और शक्ति का पवित्र श्रावण मास आरंभ होने में अब 1 दिन ही शेष हैं।
सावन के इस महीने में शिव और शक्ति दोनों की सम्मिलित रूप से पूजा अर्चना की जाती है। सावन के महीने में भक्त रोजाना शिवजी का अभिषेक करते हैं और मां पार्वती का आशीर्वाद लेते हैं। सावन के हर सोमवार को भक्तों द्वारा व्रत रखा जाता है। इसके अलावा शास्त्रों में सावन के महीने को लेकर कुछ नियमों के बारे में भी बताया गया है। ये नियम खानपान के अलावा मनुष्य के आचरण को लेकर बताए गए हैं।
सावन माह में इन बातों से बचे
सावन के महीने में भूलकर भी शराब का सेवन न करें। सावन के महीने में अगर संभव हो तो दाढ़ी भी न बनाएं। सावन के महीने में घर-परिवार में हर प्रकार के झगड़े विवाद से दूर रहें सोमवार के व्रत को भूलकर भी बीच में न तोड़े। ऐसा करना शास्त्रों में गलत माना गया है। अगर आप पूरे दिन व्रत नहीं कर सकते हैं तो एक समय फलाहार करके करें।
सावन के महीने में भूलकर भी मांसाहार का प्रयोग न करें। सावन के महीने में अदरक, लहसुन, प्याज, बैगन और मूली खाना भी वर्जित माना गया है। हो सके तो न खाएं। वहीं पुराणों के अनुसार इस पवित्र महीने में मूली और बैंगन को खाना विशेष रूप से अशुद्ध माना गया है। सावन महीने गलती से भी नॉनवेज का सेवन न करें। इस महीने में नशे से भी दूर रहें। यहां तक कि श्रावण मास में लहसुन-प्याज खाने की भी मनाही की गई है। इस महीने में सात्विक भोजन ही करें। सावन महीने में दूध पीने से भी बचना चाहिए क्योंकि दूध से शिवजी का अभिषेक किया जाता है।
सावन महीने में बुरे कर्मों और यहां तक कि बुरे विचारों से भी बचना चाहिए। परिवार, गुरु, मेहमान या किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें।
इस महीने अपने द्वार पर आए जरूरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं। यदि गाय-बैल, कुत्ता आदि भी आए तो उसे भोजन दें इन पशुओं को सताएं नहीं। सावन महीने में शरीर पर तेल लगाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से बीमारियों के शिकार हो सकते है।
शिवजी की पूजा करते समय ध्यान रखें कि उन्हें हल्दी-कुमकुम अर्पित न करें। हल्दी का संबंध महिलाओं से है और कुमकुम सुहाग की निशानी होती है। शिवजी संहार के देवता हैं इसलिए उन्हें सिंदूर अर्पित नहीं किया जाता है।
सावन माह में ऐसा करना होता है बेहद फायदेमंद
सावन के महीने में हर सोमवार को व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभदायक है और धार्मिक दृष्टि से भी इसका काफी महत्व है। पूरे महीने के हर सोमवार को व्रत रखें।
सावन के पूरे महीने में रोजाना शिवजी के मंदिर जाकर पूजा करनी चाहिए।
व्रत रखने वाले लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा करते वक्त या फिर जलाभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने के साथ ही दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का पंचामृत बनाकर भी अभिषेक करें।
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। अगर आप भी इसे पहनने के बारे में सोच रहे हैं तो इसके लिए सावन का महीना सर्वोत्तम माना गया है प्रत्येक सोमवार को सावन सोमवार व्रत कथा सुनें। इस कथा को श्रवण करने से भी बहुत लाभ होता है।