देहरादून : उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ टीम को बीते दिन सोमवार को एक बार फिर से बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। एसटीएफ की टीम ने पौड़ी जेल में बंद बदमाश नरेंद्र वाल्मीकि के 3 शूटरों को देहरादून के आशारोड़ी चेकपोस्ट के पास से गिरफ्तार किया है। इसमे चौकाने वाला खुलासा हुआ है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पौड़ी जेल में बंद कुख्यात अपराधी नरेंद्र वाल्मीकि जेल से अपने गैंग के सदस्यों और गैंगेस्टर शूटरों के माध्यम से आपराधिक घटना को अंजाम देने की फिराक में था। इससे पहले ही एसटीएफ ने शूटरों को असलाह और कारतूस के साथ क्लेमेनटाउन आशारोड़ी से गिरफ्तार कर लिया।शूटरों में नीरज पंडित निवासी हरियाणा, सचिन निवासी मुज्जफरनगर और अंकित निवासी सहारनपुर हैं, जिनके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में पहले ही कार्रवाई हो चुकी है। पौड़ी जेल में सीओ एसटीएफ के नेतृत्व में टीम ने बदमाश नरेंद्र वाल्मीकि से भी पूछताछ की। गैंग के सदस्यों के टारगेट में हत्या के प्रयास के मुकदमे के गवाह, मंगलोर थाना क्षेत्र का एक व्यक्ति था। वहीं एक लड़की की हत्या की साजिश भी की जा रही थी।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एसटीएफ जेलों में बंद कुख्यातों के नेटवर्क पर नजर रखे हुए हैं। इस दौरान पता चला कि पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि भी जेल से अपना नेटवर्क चला रहा है। वह मंगलौर क्षेत्र में अपने किसी पुराने मुकदमे के गवाह और एक अन्य व्यक्ति की हत्या कराना चाह रहा है। यही नहीं जांच में यह भी सामने आया कि उसने एक युवती की हत्या कराने के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी भी ली है।
इन सब हत्याओं के लिए वह यूपी के कुछ शूटरों को बुला रहा है। एसटीएफ ने नरेंद्र वाल्मीकि से पौड़ी जेल में पूछताछ की। जांच में सामने आया कि उसके एक साथी पंकज ने तीन शूटरों को बुलाया है, जो देहरादून स्थित चंद्रबनी के एक मकान में रुकने वाले हैं। इस पर शूटरों को गिरफ्तार करने के लिए चार टीमों का गठन किया गया। रविवार रात देहरादून आशारोड़ी चेकपोस्ट के पास से इन तीनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया गया।