देहरादून: कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता सदन की नियुक्ति होने के बाद से ही घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस विधायकों ने आज बैठक बुलाई है। उससे पहले कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पत्रकार वार्ता करने जा रहे हैं। कांग्रेस के बड़े नेता दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस में किसी तरह का कोई घमासान नहीं है।
नए चेहरों पर खेला गया पार्टी का यह दांव मुश्किल साबित होगा या कारगर, यह तस्वीर आने वाले दिनों में साफ होगी। फिलहाल असंतोष को थामने की चुनौती है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव 17 अप्रैल को उत्तराखंड दौरे पर आएंगे, पार्टी कोशिश कर रही है कि इस दौरान असंतोष पर काबू पाया जाए।
विधानसभा चुनाव में हार के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में की गई नियुक्तियों को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। आज बुधवार को पार्टी के 10 विधायक बैठक करने वाले हैं। बैठक कहां होगी, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन इससे स्पष्ट है कि राज्य में पार्टी गहरे संकट में है।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह की मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस में टूट हो सकती है और बागी विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19 सीटें जीती हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधायकों की नाराजगी से इन्कार किया। मंगलवार को दोनों ही नेताओं ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष करन माहरा ने अभी पदभार ग्रहण नहीं किया है। वह 17 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विधिवत पदभार ग्रहण करेंगे।
कांग्रेस की ओर से नई नियुक्तियों को लेकर विधायकों की नाराजगी की चर्चाओं को करन माहरा ने खारिज किया है। माहरा ने कहा कि वह स्वयं कई विधायकों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि सभी विधायक वरिष्ठ हैं। कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर विधायक बनने का अवसर दिया है। पार्टी छोड़कर कहीं जाने वाले नहीं हैं। विधायक नहीं, बल्कि उनके समर्थकों की ओर से जरूर ऐसी हवा बनाई जा रही है।