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उत्तराखंड में शुरू हुआ बूस्टर डोज अभियान, ये सर्टिफिकेट लाना होगा अनिवार्य

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बच्चो के साथ-साथ आज से बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों-फ्रंटलाइन वर्कर्स को ‘बूस्टर डोज’ दी जाएगी। जो स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र के लोग बीमार हैं, उनके लिए बूस्टर डोज की शुरुआत की गई है। भारत में इसकी शुरुआत आज यानी 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स और योग्य बुजुर्ग आबादी को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जाएगी।

देश के साथ ही उत्तराखंड में भी इसकी शुरुआत 10 जनवरी से हो गई है। कोरोना संक्रमण के बाद अब देश, विदेश में नए वैरिएंट के आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कोरोना वैक्सीन के बाद अब नए वैरिएंट से बचने के लिए बूस्टर डोज (प्रीकॉशन डोज) लगनी शुरू हो गई है। इसके लिए पहले 60 आयु वर्ग के ऊपर वाले लोगों का टीकाकरण होगा। टीकाकरण केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां चाक-चौबंद हैं। बूथों पर 20 प्रतिशत वैक्सीन तीसरी डोज के लिए उपलब्ध होगी। इस डोज को लगाने से पहले उनके पास कोरोना वैक्सीन के नौ महीने पूरे होना वाला सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है। बिना नौ महीने पूरे करने वालों को यह डोज नहीं लगाई जाएगी।

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