जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में शनिवार को नियंत्रण रेखा यानी की एलओसी से सटी चौकी के पास गश्त के दौरान हुए विस्फोट की चपेट में आने से एक अधिकारी समेत सेना के दो जवान शहीद हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नौशेरा सेक्टर के कलाल इलाके में धमाका उस समय हुआ, जब सेना की एक कॉलम सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की रोकथाम संबंधी उपायों का जायजा लेने के लिए गश्त कर रहा था।
अधिकारी ने बताया कि इसमे एक लेफ्टिनेंट समेत दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें तत्काल पास के सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई।अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह धमाका हुआ, उस स्थान पर सेना ने बारूदी सुरंगें बिछाई हुई हैं ताकि सीमा पार से घुसपैठ रोकी जा सके।
बता दें कि लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार बिहार के बेगूसराए के रहने वाले थे। तीन भाई बहनों में वो बीच के थे। उनकी बड़ी बहन भी सेना में मेजर. लेफ्टिनेंट छठ मेंं छुट्टी आने की बात घर में कही थी लेकिन उनको छुट्टी नहीं मिली। उन्हें छठ के बाद छुट्टी मिली थी। वो 22 नवंबर के बाद घर आने वाले थे लेकिन इससे पहले उनकी शहादत की खबर आई। वहीं सिपाही मंजीत सिंह भटिंडा के रहने वाले थे। दोनों के परिवार में मातम छाया हुआ है।
एक साल पहले ही सेना में ज्वाइन
लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार की शहादत की सूचना मिलते ही बेगूसराय में मातमी सन्नाटा पसर गया है। ऋषि कुमार बेगूसराय जिला मुख्यालय के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजीव रंजन के इकलौते बेटे थे। एक साल पहले सेना में ज्वाइन किया था। वह मूलतः लखीसराय के पिपरिया के निवासी थे। लेकिन कई दशक पूर्व से ही उनके पिता जीडी कॉलेज के समीप पिपरा रोड में घर बना कर रह रहे थे। दादा जी के रिफाइनरी में कार्यरत रहने के कारण यहीं बस गये थे। ऋषि के शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शहीद के पिता राजीव रंजन ने बताया कि टेलीफोन पर लगभग 7:30 बजे सूचना मिली। पिता ने कहा कि चार दिन पहले ही मां से बात किया था। बोला बहन की शादी में छुट्टी लेकर आ रहे हैं।