

देहरादून: परिवहन मुख्यालय में तैनात ARTO आनंद जायसवाल को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामला चालान की राशि में हेरफेर का है। दरअसल ये पूरा मामला 2010 से 2015 तक का है। आनंद जायसवाल 2010 से 2015 तक एआरटीओ ऋषिकेश थे। आरोप है कि आनंद जायसवाल ने वाहनों के चालान की राशि में हेरफेर कर 29.32 लाख रुपये का गबन कर दिया। ये मामला 2016 में खुला और इस मामले में आनंद जायसवाल पर 2017 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
इसके बाद आनंद जायसवाल के खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी गई। विभागीय जांच में आरोपों की पुष्टि हुई और आनंद जायसवाल को परिवहन मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। इसी दौरान विभाग ने विजिलेंस को जांच दे दी। विजिलेंस ने जांच की तो पता चला कि वाहनों का चालान करते समय राशि अधिक ली जाती है लेकिन सरकारी खाते में कम राशि जमा होती थी। चालान रसीद पर ओवरराइटिंग भी की जाती थी। आनंद जायसवाल ने ओवरराइटिंग कर कर के 29.32 लाख रुपए का गबन कर दिया।
इसी मामले में 28 मार्च 2017 को उनके खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। बुधवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ में आनंद ने जब संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो उन्हें विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया।