चमोली जोशीमठ
पुनर्वास सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भू-धंसाव प्रभावितों ने नगर में मशाल जुलूस निकाला। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में मशाल जुलूस बदरीनाथ हाईवे से होते हुए नगर के मुख्य तिराहे पर पहुंचकर संपन्न हुआ।
संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि सरकार की ओर से आपदा प्रभावितों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक भी आपदा प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो पाया है। प्रभावित परिवार राहत शिविरों में दिन गुजार रहे हैं। भारी ठंड के बावजूद जोशीमठ संघर्ष समिति ने शुक्रवार को मसाल जुलूस का आह्वान किया था। शाम छह बजे मशाल लेकर सभी आपदा प्रभावित सड़क पर उतरे और जुलूस आयोजित किया गया। जुलूस में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि शीघ्र पुनर्वास नहीं किया गया तो आंदोलन तेज कर दिया जाएगा।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की मांगें
– आपदा प्रभावितों का जल्द हो विस्थापन व पुनर्वास।
– सभी वर्गों को उनके व्यवसाय के हिसाब से उचित मुआवजा दें।
– प्रभावितों के नुकसान की उचित भरपाई की जाए।
– भू-धंसाव के बाद हुई तबाही के कारणों की उचित पड़ताल व समाधान किया जाए।
– क्षेत्र में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना का निर्माण बंद किया जाए।
असुरक्षित दो होटलों का नहीं निकला समाधान
नगर के मनोहर बाग वार्ड में रोपवे के पास होटल कामेट और स्नोक्रेस्ट का अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। होटल स्वामी असमंजस में हैं कि प्रशासन क्या रुख अपनाता है। जनवरी में भू धंसाव तेज होने के दौरान इन दोनों होटलों में भी दरारें आ गई थी। दोनों होटलों को प्रशासन ने असुरक्षित बताकर लाल स्टीकर लगा दिए थे। होटल स्वामियों ने उसी समय होटलों को खाली करा दिया। कामेट होटल के मालिक देवेश कुंवर का कहना है कि एक महीना हो गया, लेकिन प्रशासन इसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। साथ ही उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। अफसर अब यहां देखने तक नहीं आते। स्नोक्रेस्ट के मालिक अनिल प्रजापति भी असमंजस में हैं। उनका कहना है कि होटल का एक हिस्सा झुक गया है। बेसमेंट में दरारें आई हैं। लेकिन प्रशासन इसको लेकर क्या कार्रवाई कर रहा है इसको लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है