उत्तराखंड में बारिश के कारण टूटा 800 गांवों से संपर्क, 22 जून तक अलर्ट जारी
देहरादून: उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई रास्ते बंद हो गए हैं। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग ने 22 जून तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट जारी किया है। ये माना जा रहा है कि प्रदेश के कई जिलों में रविवार पूरे दिन बारिश रहेगी।
बीते 24 घंटे के दौरान चमोली में सर्वाधिक 193.22 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जबकि चमोली के ही गैरसैंण में यह आंकड़ा 182.12 मिमी रहा। वहीं कुमाऊं के बागेश्वर में 142 और नैनीताल में 118 मिमी बारिश हुई है। बहरहाल आफत का मंजर ये है कि बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे के साथ ही पिथौरागढ़ और चमोली में चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग मलबा आने से बंद हैं।
रास्तों पर भूस्खलन के चलके करीबन 200 से ज़्यादा संपर्क मार्ग आवाजाही के लिए बंद हैं। इसी के कारण 800 से अधिक गांवों से संपर्क टूट गया है। गढ़वाल में गंगा, मंदाकिनी और अलकनंदा, वहीं कुमाऊं में गोमती, सरयू, गोरी और काली नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं।
इसके अलावा हरिद्वार और ऋषिकेश में कई जगह गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए कई शहरों में तटीय इलाकों को खाली करा दिया गया है। ऋषिकेश में पुलिस की टीम तटीय क्षेत्रों में गश्त कर रही है। बहरहाल मौसम केंद्र ने इन जिलों में कई स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। वहीं, कुछ अन्य इलाकों में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और तेज बौछारें पड़ने का भी अनुमान है।