देहरादून
देश के किसी भी राज्य में कहीं भी कोई बड़ी घटना घटती है तो उसका उत्तराखंड कनेक्शन जरूर सामने आता है बड़ी से बड़ी घटना के बाद या तो अपराधी छिपने के लिए उत्तराखंड आता है या फिर उसका कोई बड़ा कनेक्शन उत्तराखंड से रहता है
दो साल पहले खिलाड़ी पहलवान सुशील कुमार साथी की हत्या कर करीब एक माह हरिद्वार के एक आश्रम में रुका था। इसी तरह कई अपराधियों ने स्वीकारा है कि उत्तराखंड पुलिस उन्हें मारेगी नहीं। बता दें कि वर्ष 2009 के बाद से उत्तराखंड में एक भी पुलिस एनकाउंटर में किसी अपराधी की जान नहीं गई है। ऐसे में इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अमृतपाल भी शरण लेने उत्तराखंड आया होगा।
पंजाब के कई अपराधियों और खालिस्तानी आतंकियों ने पहले भी उत्तराखंड में पनाह ली है। ऐसे मामले भी आए, जब अपराधी सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए उत्तराखंड के रास्ते दूसरी जगह चले गए। बीते वर्षों में कई बार इन अपराधियों को उत्तराखंड पुलिस ने दबोचा और शरण देने वालों पर भी कार्रवाई हुई। कई ऑपरेशन को उत्तराखंड और पंजाब पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया।
दरअसल, उत्तराखंड में वर्षभर पर्यटन गतिविधियां चलती रहती हैं। इसी का फायदा उठाकर लोग यहां आते हैं। कई बार अपराधियों ने होटल, धर्मशालाओं और अन्य जगहों पर शरण ली। दो साल पहले पहलवान सुशील कुमार साथी की हत्या कर करीब एक माह हरिद्वार के एक आश्रम में रुका था। इसी तरह कई अपराधियों ने स्वीकारा है कि उत्तराखंड पुलिस उन्हें मारेगी नहीं।
बता दें कि वर्ष 2009 के बाद से उत्तराखंड में एक भी पुलिस एनकाउंटर में किसी अपराधी की जान नहीं गई है। ऐसे में इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अमृतपाल भी शरण लेने उत्तराखंड आया होगा। यहां के बाद उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक की जांच के बाद पुलिस अधिकारी आश्वस्त नजर आ रहे हैं कि वह उत्तराखंड नहीं आया है।
इन्होंने ली उत्तराखंड में शरण
22 जनवरी 2022 : उत्तराखंड एसटीएफ ने रामपुर के युवक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि इन्होंने वर्ष 2021 में पठानकोट समेत कई शहरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाके करने वाले आतंकियों को शरण दी थी। इन चारों का भी खालिस्तान टाइगर नाम के समूह से ताल्लुक होने की बात सामने आई थी। ये सभी आतंकियों को लेकर रामपुर, उत्तर प्रदेश के एक ढाबे पर रुकने जाते थे।
एक दिसंबर 2016 :
खालिस्तान समर्थक चार आतंकी पंजाब से फरार हुए। चारों ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी। पता चला कि ये आतंकी पांवटा साहिब होते हुए देहरादून और हरिद्वार के रास्ते दिल्ली निकल गए। जांच में आया कि चारों वर्दियां हरिद्वार के मंगलौर स्थित एक ढाबे पर पड़ी मिलीं। बाद में इन आतंकियों को देश के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया।
वर्ष 2021 : पंजाब के वांछित गैंगस्टर संदीप सिंह उर्फ भला शेखू, फतेह सिंह उर्फ युवराज, अमनदीप सिंह और जगवंत सिंह ने ऊधमसिंह नगर के काशीपुर थाना क्षेत्र में शरण ली थी। तब पंजाब पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई कर चारों को काशीपुर स्थित एक फार्म हाउस से गिरफ्तार किया था।
नवंबर 2016 : हरमिंदर सिंह समेत छह खालिस्तानी आतंकी नाभा जेल तोड़कर फरार हो गए थे। नवंबर 2016 में उत्तराखंड पुलिस ने एक महिला और उसके साथी पलविंदर उर्फ पिंदा को देहरादून से गिरफ्तार किया। पता चला कि पिंदा ने दून में रहकर यह साजिश रची थी। हमले से पांच दिन पहले हथियार लेकर वही पंजाब के नाभा तक गया था।
16 मार्च 2022 : उत्तराखंड पुलिस ने गैंगस्टर हरवीर सिंह को गिरफ्तार किया था। वह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य है। उसने पंजाब में एक कारोबारी की गोली मारकर हत्या की थी। हरवीर सिंह पर कई मुकदमे दर्ज हैं।