विश्व प्रसिद्ध धाम श्री बद्रीनाथ के कपाट आज प्रातः 4:15 पर पूर्व निर्धारित शुभ मुहूर्त और लग्न के अनुसार ब्रह्म बेला में विधि विधान के साथ वेद मंत्रोच्चार के बीच खोल दिए गए हैं।सभी भक्तों ने कपाट खुलने के साथ ही भगवान बद्री विशाल के गर्भ गृह में अखंड ज्योति के दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित किया गया। कपाट खुलने के साथ ही भगवान बद्री विशाल के उत्सव विग्रह उद्धव जी,कुबेर जी, को भगवान बद्री विशाल के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया गया है। इससे पूर्व भगवान बद्री विशाल के गर्भ गृह में शीतकाल के दौरान जगत कल्याण के लिए तपस्थ श्री हरि विष्णु के साथ महालक्ष्मी को बाहर लाकर महालक्ष्मी मंदिर में स्थापित कर विधिवत पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी गई है। भगवान का तेल कलश भी भगवान के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया गया है। इसी तेल कलश में भरे हुए तिल के तेल से छह माह यात्रा काल के दौरान भगवान का अभिषेक होगा। मंदिर में पूजा अर्चना मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदिरि व डिमरी पुजारियों द्वारा की गई। कपाट खुलने के साथ ही बद्रीनाथ के अन्य सभी पूजा विग्रहों व मंदिरों में भगवान की पूजा प्रारंभ कर दी गई है। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह,सुनील तिवारी, पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत चौहान, एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी श्री राम, डिम्मर उमट्टा डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, केंद्रीय सदस्य विपुल डिमरी,धर्माधिकारी भुवन उनियाल,वेदपाठी गण,टेहरी नरेश के राजगुरू नौटियाल समेत बहुत ही सीमित संख्या में मंदिर से जुड़े हुए हक हकूक धारी मेहता थोक, भंडारी थोक,कामदी थोक व पुजारी गण मौजूद थे। कपाट खुलने की परंपरा पारंपरिक रीति रिवाज व पौराणिक मान्यताओं के साथ पूरी तरीके से कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए संपन्न हुई।
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