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उत्तराखंड: वन दरोगा भर्ती घोटाले में दो दलाल गिरफ्तार… पांच लाख रूपये लेकर कराते थे नकल

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच के साथ-साथ एसटीएफ ने वर्ष 2021 में हुई वन दारोगा भर्ती के मामले में भी बीते रोज देर शाम एक और मुकदमा दर्ज किया। जिसमें छात्रों के बयानों के आधार पर हरिद्वार के लक्सर और खानपुर से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ का कहना है कि वन दरोगा भर्ती में जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसके आधार पर अभी और भी छात्रों से पूछताछ की होनी है। जैसे-जैसे नाम सामने आएंगे, उसी के आधार पर गिरफ्तारी भी होगी। इन्होंने अभ्यर्थियों से चार से पांच लाख रुपये लेकर परीक्षा केंद्रों पर नकल कराई थी।

इस परीक्षा में ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर नकल कराई गई थी। पहले से चल रही स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच में ही इस घपले का पता चला था। जांच की गई तो हरिद्वार से तार जुड़े मिले।एसटीएफ ने सोमवार को दो दलालों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों के नाम प्रशांत कुमार निवासी खानपुर, हरिद्वार और रविंद्र सिंह निवासी लक्सरी, लक्सर, हरिद्वार हैं। एसएसपी के अनुसार दोनों एक नकल गिरोह के सदस्य हैं। इन्होंने अभ्यर्थियों से चार से पांच लाख रुपये लिए और अपने साथियों की मदद से उन्हें नकल कराई। बताया जा रहा है कि ये सारे अभ्यर्थी नकल करने के बाद ही पास हुए हैं।

वन दरोगा भर्ती घपले में पकड़े गए दोनों आरोपी बेरोजगार हैं। उन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग लिया। इसके बाद पिछले साल वह क्षेत्र के कुछ नकल माफिया के चंगुल में आ गए। उन्होंने माफिया के साथ मिलकर इस धंधे को शुरू कर दिया। अभ्यर्थियों से प्रारंभिक पूछताछ से स्पष्ट हो गया है कि इस भर्ती परीक्षा के दौरान सुनियोजित तरीके से एक गिरोह द्वारा इस परीक्षा में अनुचित साधनों से अभ्यर्थियों को परीक्षा में नकल कराई गईएसटीएफ के पास अब वन दारोगा भर्ती समेत कुल 5 परीक्षाओं की जांच है। इन सभी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने के बाद जांच एसटीएफ को सौंप दी गई थी। सभी मामलों में एसटीएफ की जांच जारी है।

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