उत्तराखंड के गंगाजल से होगी देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में पूजा
देहरादून: गंगा मैया हिंदुओं की आस्था का एक बड़ा केंद्र हैं। प्राचीन काल से ये मान्यता रही है कि गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। गंगाजल का इस्तेमाल अंत्येष्टि से लेकर तमाम तरह के पूजा पाठ में किया जाता है। गौरतलब है कि हिंदु धर्म में गंगाजल को पवित्रता और शुद्धता का एक बड़ा प्रतीक माना गया है।
मंदिरों में भी गंगाजल से पूजा अर्चना की जाती है। इसी कड़ी में देश के 12 ज्योतिर्लिगों में भी गंगाजल से पूजा की जाती है। जिसके लिए उत्तराखंड से गंगाजल भेजा जाना है। जी हां, उत्तराखंड से गंगाजल मिट्टी के बर्तनों में पैक कर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भेजा जाएगा।
बता दें कि देहरादून में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आगामी 30 अक्टूबर को ‘गंगाजल’ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इसी क्रम में प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन (पीसीयू) ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। पीसीयू के चेयरमैन राम मेहरोत्रा ने बताया कि फिलहाल गंगाजल की करीब दो लाख पैकिंग तैयार की गई है। अधिक ऑर्डर आने पर और पैकिंग की जाएंगी।
राम मेहरोत्रा ने जानकारी दी और बताया कि वर्तमान में 150 रुपए मूल्य की 300 मिलीलीटर गंगाजल की पैकिंग तैयार की गई है। आगे चलकर मांग के अनुसार पैकिंग की जाएगी। मेहरोत्रा ने कहा कि गंगाजल से होने वाली आय सहकारिता के क्षेत्र में खर्च की जाएगी। बहरहाल देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में यहां के गंगाजल से पूजा की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), महाकालेश्वर (एमपी), ओंकारेश्वर (एमपी), केदारनाथ (उत्तराखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश), त्रयंबकेश्वर (महाराष्ट्र), वैद्यनाथ (झारखंड), नागेश्वर (गुजरात), रामेश्वर (तमिलनाडु) व घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र) हैं।