देहरादून: बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर वहां पहली पूजा इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से होगी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई चारधाम यात्रा की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के दौरान अतिथि सत्कार और प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा जाए।
कहा कि ये सुनिश्चित होना चाहिए कि किसी भी क्षेत्र में वहां की वहन क्षमता से अधिक यात्रियों का प्रवेश न हो। इसकी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने भूस्खलन व मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति में वैकल्पिक मार्गों का विकल्प खुला रखने पर भी जोर दिया। बैठक में यह भी तय किया गया कि यात्रियों के लिए मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य होगा।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने समीक्षा बैठक में कहा कि चारधाम यात्रा में किसी प्रकार की लापरवाही और अव्यवस्था सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने लोनिवि, एनएचएआइ, डीजीबीआर, गृह, पुलिस, चिकित्सा, खाद्य आपूर्ति, परिवहन, पर्यटन, जीएमवीएन समेत अन्य विभागों के अधिकारियों से कहा कि यात्रा के दौरान अतिथि सत्कार और प्रबंधन के मामले में किसी प्रकार की कोई कोताही न हो। उन्होंने यात्रियों की सुविधा के लिए जगह-जगह संकेतांक की व्यवस्था पर भी जोर दिया। महाराज ने कहा कि यात्रियों के पंजीकरण के लिए टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (टीएसएमएस) अनिवार्य है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस बार चारधाम में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की संभावना है। यात्रा के मद्देनजर पर्यटक आवास गृहों में अब तक 10.22 करोड़ की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है। पर्यटन मंत्री ने निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर स्थित होटल, ढाबों में भोजन व आवासीय सुविधा के लिए किसी भी यात्री से अधिक धनराशि न वसूली जाए, यह सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि होटल-ढाबों में दरों का निर्धारण कर इसकी सूची प्रदर्शित की जानी चाहिए।