पिथौरागढ़
पिथौरागढ़ में भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच पिछले 15 दिनों से चल रहे संयुक्त अभ्यास डस्टलिक-2023 का समापन कल 5 मार्च को हो गया।
इस दौरान दोनों देशों ने अपने युद्ध कौशल और प्रभुत्व का प्रदर्शन करने के साथ ही गैर-पारंपरिक जगहों पर बहु-आयामी युद्ध की चुनौतियों के बारे के जानकारी हासिल की। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत इस अभ्यास ने दोनों देशों के फौजियों को गैर पारंपरिक स्थलों पर अभियानों को सामूहिक परिवेश में अंजाम देने का प्रशिक्षण हासिल करने का मौका दिया। दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने पहाड़ी, ग्रामीण या फिर शहरी क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने का अभ्यास किया। दोनों देशों का एक ही लक्ष्य रहा और वो था आतंकवाद का समापन और दुनिया में अमन और शांति स्थापित करना। 15 दिनों के इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच ऑपरेशनल विधाओं का आदान प्रदान करना था। संयुक्त अभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व पश्चिमी कमान की 14वीं बटालियन द गढ़वाल राइफल्स ने किया जबकि उज्बेकिस्तान सेना का प्रतिनिधित्व उज्बेकिस्तान सेना के उत्तर पश्चिमी सैन्य जिले के सैनिकों ने किया। संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के 45-45 जवान शामिल हुए।