कर्णप्रयाग के सिमली में लाखों की लागत से बना विकास भवन यूं बना शो-पीस
प्रकाश चंद डिमरी
कर्णप्रयाग: ब्लाक के सिमली मे वर्ष 2015 मे लाखों की लागत से बना विकास भवन विकासखंड विभाग को हस्तांतरित नहीं होने से सरकारी तंत्र सवालों के घेरे मे है।
वर्ष 2015 मे क्षेत्रीय जनता की मांग पर शासन की और से न्याय पंचायत सिमली मे विकासभवन निर्माण के लिए 40 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी तथा निर्माण कार्य का जिम्मा ग्रामीण अभिमंत्रण विभाग ( आर ईएस) को दिया था तथा सबंधित विभाग ने त्वरित गति से भवन निर्माण का कार्य संपादित कर दिया था। लेकिन आठ वर्ष के बाद भी नव निर्मित भवन विकासखंड विभाग कर्णप्रयाग को हस्तांतरित नहीं होने से ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी सिमली के जीर्ण-शीर्ण न्याय पंचायत के भवन के एक कक्ष मे क्षेत्र के दर्जनों ग्राम पंचायतों के कार्य करने के लिए मजबूर हैं।
कार्यदायी विभागों की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते नव निर्मित भवन मे उगी बड़ी-बड़ी झाड़ियां और बिना रख-रखाव के क्षतिग्रस्त होता भवन सरकारी तंत्र पर सवालिया निशान लगा रहा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह नेगी, पूर्व प्रधान सिमली वृजमोहन रावत और कोलाडुंग्री के जयदीप गैरोला, रविंद्र खंडूड़ी आदि ने शासन-प्रशासन से मामले की उच्च स्तरीय जांच कर सिमली विकास भवन को शुरू करने की मांग की है।
खंड विकास अधिकारी डीएस राणा ने बताया कि सिमली मे वर्ष 2015 मे आरईएस विभाग की ओर से बना नव निर्मित विकास भवन जमीन के विवाद के कारण अभी तक विकासखंड विभाग को हस्तांतरित नहीं हो पाया है।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग कर्णप्रयाग के सहायक अभियंता रविंद्र सिंह ने बताया कि मेरे संज्ञान मे सिमली विकास भवन निर्माण की जानकारी नहीं है, मामले का संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।
कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल ने बताया कि सिमली मे वर्ष 2015 मे बना विकासभवनझ आठ सालों मे हस्तातंरित नहीं होना सरकारी धन का अपब्यय है। जल्द जिलाधिकारी को मामले की गंभीरता से जांच के लिए निर्देशित कर दिया जाएगा।