हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित जूना अखाड़ा के महामंलेश्वर और धर्म संसद के संयोजक स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी ने अपनी हत्या की आशंका जताई है. वहीं, हत्या की आशंका से डरे हुए यति नरसिंहानंद ने सर्वानंद घाट पर रात्रि विश्राम नहीं करने का फैसला लिया है. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया है कि बीती रात कुछ असामाजिक तत्व उनकी रेकी कर रहे थे. जिनको पहचानने की कोशिश की गई तो वह मौके से भाग निकले. बता दें कि इसके कारण अब पूर्व सैनिकों ने सर्वानंद घाट पहुंचकर उनकी रक्षा की जिम्मेदारी ली.
दरअसल, रविवार को सर्वानंद घाट पर मीडिया से बातचीत के दौरान महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि वह इस बात से बिलकुल भयभीत नहीं हैं कि असामाजिक तत्व उनकी हत्या कर देंगे. लेकिन,उन्हें इस बात का भय अवश्य है कि अगर उन पर हमला हुआ और उनके आत्मरक्षा में उठाए कदम से किसी को चोट पहुंची तो पुलिस-प्रशासन उन पर ही मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल में डाल देगा. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में उनके साथ ऐसा किया जा चुका है.
बता दें कि बता दें, इससे पहले धर्मसंसद के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि को जान से मारने की धमकी देने के बाद धर्मसंसद के प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी से मुलाकात कर सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की थी. वहीं, दूसरी ओर हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण और संप्रदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में जेल में बंद यति नरसिंहानंद बृहस्पतिवार को रिहा हुए थे.
वहीं, जेल से रिहा होने के बाद वह फिर से वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई को मांग लेकर सर्वानंद घाट पर धरने पर बैठ गए है. जहां पर पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और समुदाय विशेष की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर यति नरसिंहानंद गिरि के खिलाफ अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज हुए थे. साथ ही वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था.