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ड्राइवर-कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा उत्तराखंड परिवहन निगम, इतनों की आवश्यकता

देहरादून : उत्तराखंड परिवहन निगम भारी ड्राइवर और कंडक्टरों की कम से जूझ रहा है। जारी आंकडो़ं के अनुसार निगम में 864 ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी है। वहीं 361 नई अनुबंधित सीएनजी बसें आने पर निगम को 902 और कंडक्टरों की जरूरत पड़ेगी। इससे यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में रोडवेज बसों के संचालन के लिए ड्राइवर और कंडक्टरों की स्थिति रखी गई। बताया कि निगम की 919 बसों के लिए कुल 2297 ड्राइवरों की जरूरत है। इनमें से अभी 2063 ड्राइवर वर्तमान में सेवाएं दे रहे हैं, जिनमें निगम के 695 ड्राइवर, संविदा के 540 ड्राइवर और विशेष श्रेणी के 869 ड्राइवर उपलब्ध हैं। निगम के पास 234 ड्राइवरों की कमी है। वहीं, निगम की 919 बसों के लिए 2297 कंडक्टरों की जरूरत है, जिसमें से निगम के 825, संविदा के 236 मिलाकर 1518 कंडक्टर उपलब्ध हैं। 365 अनुबंधित बसों के संचालन के लिए 912 कंडक्टरों की जरूरत है। कुल मिलाकर निगम को 3209 कंडक्टरों की जरूरत है, जिनमें से 2579 ही उपलब्ध हैं। यहां भी निगम के पास 630 कंडक्टरों की कमी है।

बोर्ड बैठक में निगम ने 361 नई अनुबंधित सीएनजी बसें चलाने का प्रस्ताव रखा है। चूंकि अनुबंधित बसों के संचालन के लिए ड्राइवर तो बस मालिक के होते हैं लेकिन कंडक्टर निगम की ओर से होते हैं। लिहाजा, इन बसों के लिए भी निगम को 902 कंडक्टरों की जरूरत पड़ेगी। कुल मिलाकर परिवहन निगम को पुरानी बसों के लिए 864 ड्राइवर-कंडक्टर और नई बसों के लिए 902 कंडक्टरों की जरूरत है। निगम इन पदों पर आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से भर्ती की योजना बना रहा है लेकिन बोर्ड ने अभी इसे हरी झंडी नहीं दी है।

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