देहरादून: चेयरमैन मातबर सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड सहकारी संघ अपने क्रय केंद्र बढ़ाएगा। हल्दूचौड़ की भूमि का उपयोग होगा। ठोस योजना बनाई जायेगी। 2 माह के भीतर में हल्दूचौड़ का विकास होगा। जिससे यूसीएफ को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि संघ कल्याण कोष का गठन करेगा।
चेयरमैन रावत उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ लिमिटेड देहरादून की 13वीं वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक में बोल रहे थे। एजीएम बैठक में यूसीएफ के व्यवसाय बढ़ाने के लिए पीएमयू के गठन का प्रस्ताव भी पारित किया गया। एजीएम में यूसीएफ के प्रबंध निदेशक एमपी त्रिपाठी ने पूरा ब्यौरा रखा। उन्होंने कहा कि यूसीएफ ने व्यवसाय 5153119158 किया है। जिसमें शुद्ध लाभ 57563165 है। प्रबंध निदेशक ने कहा कि उत्तराखंड सहकारी संघ ने उर्वरक, जैविक खाद, बीज, प्राइस सपोर्ट ,उपभोक्ता, आयुर्वेदिक औषधियां, पशु आहार, कृषि रसायन,
में 26120 लाख की आय अर्जित की है।
एजीएम में प्रतिनिधि हरिद्वार से आये सुशील राठी ने कहा कि, प्रतिनिधियो का 700 रु मानदेय बढ़ाया जाये। इतने में पिथौरागढ़ से आए प्रतिनिधि का यह खर्चा वहन करना संभव नहीं है। पहाड़ के दूरदराज कृषकों से मंडवा, झंगोरा, सोयाबीन, राजमा व समस्त उत्पादन खरीदने के लिए उत्तराखंड सहकारी संघ ने 62 क्रय केंद्र खोलने का प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें यह सभी उत्पाद खरीदे जाएंगे।
उत्तराखंड सहकारी समिति के पूव चेयरमैन घनश्याम नोटियाल ने कहा कल्याण कोष बनाने की मांग की। उन्होंने कोविड़ काल मे प्रतिनिधि और कर्मचारी बड़े संकट से गुजरे हैं। प्रतिनिधि प्रदीप चौधरी ने कहा कि मंगलौर और ज्वालापुर मार्केटिंग समितियां यूसीएफ से जुड़े। उन्होंने कहा कि मार्केटिंग समितियों में फर्नीचर और अन्य व्यवस्था करनी चाहिए।
नैनीताल से आए निदेशक राजेंद्र नेगी ने कहा कि बहुत सारी दिक्कतें हैं लाभ के लिए और अच्छा माहौल बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2 माह में हल्दूचौड़ में व्यवसायिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने बोर्ड की बैठक में भरोसा दिया है। नाबार्ड के माध्यम से हल्दुचौड़ में वेयरहाउसिंग योजना के तहत 5000 मेट्रिक टन के नए गोदाम बनाए जाने के लिए उत्तराखंड सहकारी संघ का प्रस्ताव है।
सहकारी परिषद के पूर्व सभापति हयात सिंह माहरा ने कहा आयुर्वेदिक फैक्ट्री अच्छी जगह में है। उसे व्यवसायिक दृष्टि से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उत्तराखंड सरकारी संघ तुरंत कल्याण कोष की आवश्यकता का गठन करना चाहिए सभी प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को शामिल किया जाना चाहिए।
बोर्ड और एजीएम बैठक में उमेश त्रिपाठी, निदेशक राजेंद्र सिंह नेगी, निदेशक विजय संत्री, निदेशक दीपक चौहान, निदेशक हरदेश सिंह निदेशक आदित्य चौहान निदेशक शिव बहादुर सिंह निदेशक, नरेंद्र सिंह निदेशक पीतांबर राम निदेशक गीता नौटियाल निदेशक कपिल कामता निदेशक कलावती निदेशक दीपा बिष्ट निदेशक विशाल मणि डिमरी निदेशक सहित प्रबंध निदेशक एम पी त्रिपाठी सहित पूरे प्रदेश से 60 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद थे।