नैनीताल: उत्तराखंड में हाईकोर्ट से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। नैनीताल हाईकोर्ट ने अपना असिस्टेंट प्रोफेसर के 455 पदों की भर्ती का रास्ता खोल दिया है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के तर्कों के बाद अपना 27 जुलाई 2022 का आदेश वापस ले लिया है। साथ ही आयोग को विकलांग जनों के लिये 4 फीसदी क्षैतिज आरक्षण तय कर संशोधित विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिए हैं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हाई कोर्ट ने पहले राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से दिसंबर 2021 में डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 455 पदों के लिये जारी विज्ञापन को दिव्यांग जन अधिकार नियम 2017 के खिलाफ मानते हुए रद कर दिया था। कोर्ट ने आयोग को नए सिरे से विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अब मामले में आयोग के तर्क सुनने के बाद अपना फैसला पलट दिया है। साथ ही आयोग को संशोधित विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिए है।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया कि आयोग ने जटिल प्रक्रिया के तहत कुल प्राप्त 20, 449 आवेदनों की जांच कर एकेडमिक परफार्मेंस इंडिकेटर (एपीआइ) स्कोर की गणना की। आयोग को दिव्यांगजनों के लिए चार प्रतिशत रिक्तियों की गणना करने का निर्देश दिया है।
अब आयोग को अब एक शुद्धिपत्र जारी करना होगा, जिसमें विभिन्न श्रेणी में आने वाले उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित कर पदों की संख्या को इंगित करते हुए क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया जाएगा। आयोग की ओर से शुद्धिपत्र के अनुसरण में प्राप्त आवेदनों की उसी प्रकार जांच की जाएगी जिस प्रकार प्रारंभिक विज्ञापन के प्रत्युत्तर में की गई। यह विज्ञापन उसी प्रकार प्रकाशित होगा, जिस प्रकार मूल विज्ञापन प्रकाशित हुआ था।