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आज भगवान शिव के प्रिय नाग देवता का त्‍यौहार नागपंचमी, जानिए पूजा विधि, मंत्र और समय…

भगवान शिव के प्रिय नागों के पूजनोत्‍सव का त्‍यौहार नागपंचमी आज शुक्रवार को मनाया जा रहा है। नागपंचमी पर्व श्रावण माह की शुक्‍ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है। इस पर्व का हिन्‍दू धर्म की मान्‍यताओं में विशेष महत्‍व है। इस दिन नागों की पूजा होती है और धार्मिक विधि विधान से नागों को दूध व अन्‍य मिष्‍ठानों इत्‍यादि का भोग लगाया जाता है।

सामान्यतः नाग पञ्चमी का पर्व हरियाली तीज के दो दिवस पश्चात् आता है। वर्तमान में नाग पञ्चमी अंग्रेजी कैलेण्डर में जुलाई अथवा अगस्त माह में आती है। इस पावन पर्व पर स्त्रियाँ नाग देवता की पूजा करती हैं तथा सर्पों को दुध अर्पित करती हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने भाइयों तथा परिवार की सुरक्षा के लिये प्रार्थना भी करती हैं। श्रावण माह की पञ्चमी तिथि को नाग देवताओं के पूजन के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। नाग पञ्चमी श्रावण माह के महत्वपूर्ण दिनों में से एक है तथा यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष पञ्चमी को मनाया जाता है।

यह माना जाता है कि, सर्पों को अर्पित किया जाने वाला कोई भी पूजन, नाग देवताओं के समक्ष पहुँच जाता है। इसलिये लोग इस अवसर पर, नाग देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में जीवित सर्पों की पूजा करते हैं। सर्पों को हिन्दु धर्म में विशेष पूजनीय माना गया है।

ये है नाग पञ्चमी का पूजा समय

नाग पञ्चमी शुक्रवार, अगस्त 13, 2021 को
नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त – प्रात: 05:49 से 08:28
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 12, 2021 को 03:24 सायं
पञ्चमी तिथि समाप्त – अगस्त 13, 2021 को 01:42 अपराह्न

ये है नागपंचमी का पूजा मंत्र

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले.
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः.
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
मन्त्र अर्थ – इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएँ, तालाब तथा सूर्य-किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें तथा हम सभी आपको बारम्बार नमन करते हैं.अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्.
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्.
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः.
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

मन्त्र अर्थ – नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं. यदि प्रतिदिन प्रातःकाल नियमित रूप से इनका जप किया जाता है, तो नाग देवता आपको समस्त पापों से सुरक्षित रखेंगे तथा आपको जीवन में विजयी बनायेंगे।

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