देहरादून: गूगल के माध्यम से होने वाली साइबर ठगी की जानकारी लेने के लिए पुलिस को अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। नए पोर्टल कानून प्रवर्तन अनुरोध प्रणाली (एलइआरएस) की मदद से पुलिस को सभी तरह की सूचनाएं एक ही जगह से मिल सकेंगी। शुक्रवार को उत्तराखंड पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी अजय सिंह ने साइबर पुलिस अधीक्षकों सहित अधिकारियों को पोर्टल के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गूगल ने यह पोर्टल तैयार किया है। पुलिस किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर उसकी जानकारी व सवाल इस पोर्टल में डाल सकती है। इसी पोर्टल की मदद से गूगल पुलिस की जांच में मदद करेगा। एसएसपी ने बताया कि गूगल व पुलिस के बीच समन्वय से साइबर ठगी को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि पहले साइबर ठगी होने पर पुलिस गूगल को नोटिस भेजती थी, जिसका जवाब आने में काफी समय लग जाता था।
अब पोर्टल की मदद से तत्काल ठगी के मामलों में कार्रवाई हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में साइबर ठगी की काफी शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें पीड़ित बताते हैं कि अपनी कई समस्याओं के निस्तारण के लिए वह गूगल से संबंधित कंपनी का कस्टमर केयर नंबर ढूंढते हैं। इस नंबर पर काल करके वह अपनी सभी जानकारी दे देते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं। पोर्टल की मदद से ऐसे सभी प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करने में मदद मिलेगी।
एसएसपी ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने फर्जी साइट, धनराशि दोगुना करने वाले अंजान लक्की ड्रा, डिस्काउंट, लाटरी व पालिसी में बोनस के प्रलोभन में न आएं। लाटरी व इनाम जीतने के लालच में आकर धनराशि देने व अपनी व्यक्तिगत जानकारी और महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिए।