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उत्तराखण्ड राज्य की पारम्परिक व पौराणिक लोक कला “ऐपण” चित्रकला के माध्यम से जागरूकता

ऋषिकेश पौड़ी गढ़वाल

 

 

उत्तराखण्ड राज्य की पारम्परिक व पौराणिक लोक कला “ऐपण” चित्रकला के माध्यम से जागरूकता

*जी-20 आयोजन में चार चाँद लगाएगी उत्तराखण्ड की लोक परम्परा “ऐपण” चित्रकला|*

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  पौड़ी श्रीमती श्वेता चौबे* के निर्देशन में जनपद के थाना लक्ष्मणझूला क्षेत्रान्तर्गत आगामी G20 कार्यक्रम के दृष्टिगत थाना लक्ष्मणझूला परिसर की दीवारों पर उत्तराखण्ड *“ऐपण”* चित्रकला का प्रयोग करते हुए *साइबर फ्रॉड, महिला सम्बन्धी अपराध, उत्तराखण्ड पुलिस एप के गौरा शक्ति मोड्यूल एवं यातायात नियमों की जानकारी* देकर *जागरूकता* फैलाने का *प्रयास किया गया* है। जिससे उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति कला *“ऐपण”* का देश के *अन्य राज्यों* के साथ-साथ *विदेशों में काफी प्रचार-प्रसार होगा|* वर्तमान में लक्ष्मण झूला क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं द्वारा पहाड़ी धरोहर ऐपण चित्रकला की काफी सराहना की जा रही है।

किसी त्यौहार और शुभ कार्यो के अवसर पर चावल, गेरु, हल्दी, जौ और रोली से भूमि और दीवारों पर बनायी जाने वाली चित्रकला *“ऐपण”* कहलाती है। जो उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति व लोक परम्परा है| *“ऐपण”* चित्रकला को आध्यात्मिक एवं सकारात्मक उर्जा का प्रतीक माना जाता है।

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