उत्तराखंडधर्म

साधु का जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित होता है: मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी

जोशीमठ: सन्यासियों ने सदा समाज सुधार, कल्याण के लिए ही अपना जीवन समर्पित किया है। चाहे प्राचीन काल के ऋषि-महर्षि हों , चाहे उसी परम्परा में आए भगवत्पाद आदि शंकराचार्य जी महाराज हों सब सन्तों ने आत्मकल्याण के साथ लोककल्याण को महत्वपूर्ण स्थान दिया है । धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज ने सनातनियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए राजनैतिक पार्टी का गठन, गौ रक्षा आन्दोलन आदि अनेकों देशव्यापी आन्दोलन चलाया ।

उन्हीं महापुरूषों के पदचिन्हों पर चलते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज के शिष्य प्रतिनिधि पूज्य स्वामि: अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ने सदा गौ, गंगा, रामसेतु, रामजन्मभूमि, मंदिर संरक्षण , वेद-शास्त्र संरक्षण सहित अनेको विषयों पर चिन्तित रहते हुए सनातन धर्म की सेवा-सुश्रूषा करते रहते हैं उक्त बातें ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुन्दानन्द ने कही अपने व्याख्यान में कहीं ।

आज धर्मसम्राट स्वामी करपात्री महाराज के 115वें जन्मोत्सव और स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती महाराज के 53वें जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित सभा में जोशीमठ विकास खण्ड में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 4 छात्रों को सम्मानित किया गया जिसमें CBSC (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) 10वीं कक्षा में 96% परिणाम प्राप्त करने वाली कुमारी मोनिका रावत , उत्तराखण्ड शिक्षा बोर्ड के अन्तर्गत जोशीमठ विकास खण्ड में 12वीं कक्षा में 89.5% अंक प्राप्त करने वाले किशन उनियाल, संस्कृत विद्या के क्षेत्र में वेदवेदांग महाविद्यालय के छात्र नितिन सती पूर्वमध्यमा द्वितीय वर्ष में 72% अंक प्राप्त करने वाले, सन्तोष चन्दोला ने उत्तरमध्यमा द्वितीयवर्ष में 74% अंक प्राप्त किए इन मेधावी छात्रों को ज्योतिर्मठ की ओर शाल और स्मृतिपत्र देकर सम्मानित किया गया । साथ ही नितिन सेमवाल, अमित सती, आरती उनियाल, प्रदीप भट्ट को को अंगवस्त्रम् और स्मृति चिन्ह दिया गया ।

जन्मोत्सव कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न ग्रामसभा से भारी संख्या में भक्तगण पधारे सबने अपनी उपहार सामग्री समर्पित कर आचार्यों के जन्मोत्सव की बधाइयाँ दीं। प्रातः काल से ही भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुरसुन्दरी देवी का फूलों से दिव्य-भव्य श्रृंगार, भगवान मणिरत्नेश्वर महादेव मन्दिर में अभिषेक और लक्ष्मीनारायण मन्दिर में विष्णुसरस्रनाम पाठ , भगवती मन्दिर में 1000 एक सहस्र लड्डू चढाकर भगवती का अर्चन, भविष्य केदार मन्दिर, ज्योतिरीश्वर महादेव मंदिर, पूर्णागिरि मन्दिर में पूजा की गई। भगवती देवी का महाभोग और महाआरती के बाद प्रसाद भण्डारा सम्पन्न हुआ ।

कार्यक्रम में मुख्यरूप से उपस्थित रहे सर्वश्री स्वामी मृत्युंजय महादेव आश्रम, विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी, कुसुम नौटियाल, कुशलानन्द बहुगुणा, वाणीविलास डिमरी, डा प्रदीप सेमवाल, प्रदीप फर्स्वाण, विक्रम फर्स्वाण, सरिता उनियाल, रमा उनियाल, ऊषा उनियाल, मनीषा सती, सरोज नौटियाल, शान्ति चौहान, ललिता आदि पधारे । कार्यक्रम का संचालन हरीश डिमरी और महिमानन्द उनियाल ने किया ।

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