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विधि-विधान के साथ बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट

उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पर्व पर शुक्रवार दोपहर 11 बजकर 45 बजे पर बंद किए गए, जिसके बाद गंगा की डोली मां गंगा के जयकारों के साथ मुखवा के लिए रवाना हुई। कपाट बंद होने से अब देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर छह नवंबर को दोपहर 12.15 बजे बंद होंगे। यमुना की डोली लेने के लिए खरशाली गाँव से शनि महाराज की डोली 6 नवंबर की सुबह यमुनोत्री पहुंचेगी।

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने के अवसर पर शुक्रवार की सुबह आठ बजकर तीस मिनट पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने निर्वाण के दर्शन किए। वेद मंत्रों के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया। उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर अमृत बेला पर कपाट बंद किए गए, जिसके बाद गंगा की डोली लेकर तीर्थ पुरोहित मुखवा के लिए प्रस्थान हुए।

डोली रात्रि निवास चंडी देवी मंदिर में निवास करेगी। छह नवंबर गंगा की डोली मुखवा के लिए पहुंचेगी। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल ने बताया कि छह नवंबर को भैया दूज के अवसर पर दोपहर 12.15 बजे यमुनोत्री के कपाट बंद किए जाएंगे। जिसके बाद शनि महाराज की अगुवायी में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी। कपाट बंद होने तक खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।

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