Pithoragarh

जिलाधिकारी ने जन समस्याओं के निराकरण के लिये लगाई रात्रि चौपाल

पिथौरागढ़। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने पाँखू में आयोजित पुंगराऊं महोत्सव के अंतिम दिन में मुख्य अतिथि के रूप में विगत देर शाम को प्रतिभाग किया, तथा उपस्थित अधिकारियों संग स्थानीय लोगों की समस्याओं के निराकरण हेतु चौपाल लगाकर जन समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण किया।जिलाधिकारी ने इस अवसर पर रात्रि चौपाल में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारी को उसका निस्तारण करने को कहा। जो शिकायतो का त्वरित निस्तारण हो सकता था उनका निस्तारण किया गया और उन्होंने वहां की जनता की सराहना करते हुए कहा कि वे अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है तथा शांतिपूर्ण तरीके से सभी क्षेत्र वासियों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पुंगराऊं घाटी वीरों की भूमि कही जाती है यहां से कई वीर सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है तथा वर्तमान में भी यहां के निवासी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए होमस्टे आदि खोलने हेतु पर्यटन अधिकारी के माध्यम से लोगों की आजीविका संवर्धन हेतु उन्हें प्रेरित किया। क्षेत्र में बंद पड़ी आईटीआई कॉलेज को भी पुनः शुरू करने का उन्होंने आश्वासन दिया, उन्होंने स्थानीय युवाओं से अपील की वे आने वाले वर्षों में मेहनत कर बड़े पदों पर पहुंचे तथा उन्हें प्रेरित किया।महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें स्थानीय लोक नृत्य, संगीत सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल थे। जिलाधिकारी ने महोत्सव में भाग लेने वाले लोगों के साथ भी बातचीत करने का अवसर प्राप्त किया और उन्होंने स्थानीय विकास और समस्याओं पर चर्चा की। जिलाधिकारी ने महोत्सव के सफल आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन और आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों का समर्थन करते रहेंगे। यह महोत्सव माता कोकिला देवी की आराधना एवं क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए एक वार्षिक सांस्कृतिक आयोजन है जो पाँखू में आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित करता है, इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थों के स्टॉल शामिल होते हैं। यह महोत्सव स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। तत्पश्चात जिलाधिकारी ने प्रातः मां कोटगाड़ी मंदिर जाकर माता कोकिला के दर्शन कर समस्त जनपद के निवासियों की सुख समृद्धि हेतु प्रार्थना की।

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