कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते ज्योतिर्मठ स्थित शंकराचार्य मठ मानव धर्म के लिए आगे आकर लोगों से सलाह मांग रहा है अलबत्ता शुरू से ही जन समुदाय के भीतर शंकराचार्य मठ मदद पहुंचाने में जुटा हुआ है।
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जन समुदाय व भक्तों से राय मांगी है कि….
हर दिन जाने कितनों के बीमार होने,परेशान होने और मरने की खबरें मिल रही हैं। हमारे चारों ओर यह
जो कुछ हो रहा उसे देखते हुये चुप तो नहीं ही रहा जा सकता। खासकर तब जब ‘तीसरी लहर’ के आगमन की सूचनायें भी सामने हों। इन सबके बीच लगता है कि हमारे आने वाले कुछ वर्ष जीवन रक्षा के ही होने वाले हैं।
देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने की जरूरत भी स्पष्ट दिख रही।
ऐसे में श्रीशंकराचार्य जी के हम अनुयायी शान्त तो नहीं ही रह सकते।
अतः आज इस ब्रह्म मुहूर्त के चिन्तन में इसी विषय पर फोकस करने का मन हो रहा।
जोशीमठ में एक सौ बिस्तर के अस्पताल का निश्चय तो कर ही लिया है पर अब उसे एक व्यापक रूप देने की आवश्यकता दिखाई दे रही है।
क्या ठीक न हो कि इस परिप्रेक्ष्य में हम श्रीशंकराचार्य जी के नाम से ‘श्रीशंकराचार्य एम्स’ (अर्थात् श्रीशंकराचार्य ऑल इण्डिया मूवमेंट फाॅर मेडिकल सर्विसेज) का शुभारम्भ करें।
मठ की ओर से इन परिस्थितियों में
यह सेवा आवश्यक है। यदि हम सबने मिलकर आर्त मानवता की कुछ सेवा न की तो बडा पछतावा मन में रह जायेगा।
आपमें से अधिकांश हमारे शुभचिन्तक हैं। उचित सलाह दीजिए।
दोपहर तक निर्णय ले लेना है। ताकि पूज्य महाराज श्री से अनुमति लेकर कार्यारम्भ कर सकें।
एक दिन की देरी भी अक्षम्य सी लग रही।
वैसे तो जब से कोरोना आरम्भ हुआ है तब से ही हम सब संस्था के लोग जरुरतमंदों की यथासंभव सहयोग सहायता कर ही रहे पर उसे और संगठित और व्यवस्थित तरीके से करने की आवश्यकता है। इसी सन्दर्भ में यह सलाह मांग रहे।