प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के नए निशान का अनावरण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन समेत अन्य सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।
भारत के समुद्री इतिहास में अब तक के सबसे बड़े जहाज तथा स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ का आज यानी शुक्रवार को यहां जलावतरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से लैस युद्धपोत का जलावतरण किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया।
मोदी ने दो सितंबर की तारीख को ‘‘रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन’’ बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेवा में शामिल किया । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरी कुमार और नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के शीर्ष अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल रहे ।