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जल्द ही अन्य शहरों में यूसीएफ बाजार खोलने की योजना: एमपी त्रिपाठी

देहरादून: प्रबंधक निदेशक यूसीएफ एमपी त्रिपाठी द्वारा आज सचिवालय स्थित सचिव सभागार में सचिव डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम को उत्तराखंड सहकारी संघ (यूसीएफ) एवं उत्तराखंड प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन( पीसीयू) से संबंधित विभाग की जानकारी एवं विभाग के कार्यों की प्रगति से सचिव को अवगत कराया।

त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में उत्तराखंड सहकारी संघ के माध्यम से किसानों से धान खरीद एवं गेहूं खरीद की जाती है। इसके साथ ही समितियों के द्वारा सोयाबीन रामदाना मंडुवा राजमा एवं झंगोरा की खरीद की जाती है। प्रबंधक निदेशक त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि वर्ष वार उत्तराखंड सहकारी संघ के द्वारा कितना मुनाफा कमाया गया एवं कुल कितना अनाज खरीदा गया
साथ ही प्रबंध निदेशक द्वारा सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही सहकारी समिति के माध्यम से देहरादून के चकराता से सब्जियों का क्रय कर आजादपुर मंडी में विक्रय की जाएंगी।

इससे किसानों को घर पर ही अपनी सब्जी पैदावार का उचित मूल्य मिल जाएगा। इसको लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि जल्द ही अन्य शहरों में यूसीएफ बाजार खोलने की योजना है। जिसमें उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पाद एवं सहकारी समितियों के माध्यम से निर्मित प्रोडक्ट को विक्रय किया जाएगा जिसे “पहाड़ से किचन तक” नाम दिया गया है
इन स्टोरों के माध्यम से पहाड़ों में उत्पादित समस्त उत्पादों को विक्रय किया जाएगा प्रथम चरण में देहरादून यूसीएफ सदन मैं यह स्टोर खोला जाएगा

त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन पीसीयू के माध्यम से सहकारिता विभाग का प्रचार प्रसार किया जाता है पीसीयू के माध्यम से ही वर्तमान में निर्मल गंगा योजना चलाई जा रही है जिसमें मिट्टी के कलश में देवप्रयाग संगम से ब्रह्म मुहूर्त में विधि-विधान मंत्रोच्चारण के साथ गंगाजल सहयोग राशि के साथ वितरित किया जाता है ।

सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा प्रबंधक निदेशक श्री त्रिपाठी जी को निर्देश दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर और भी विभिन्न योजनाएं और ग्राउंड रूट पर कार्य किया जाए।निर्मल गंगा योजना पर और बेहतर कार्य किया जाए।साथ ही अन्य प्रदेशों में जहां सहकारिता विभाग बहुत ही बेहतर स्थिति में है उन प्रदेशों का अध्ययन कर वह मॉडल अपने राज्य में भी अपनाया जाए।

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