चमोली जोशीमठ
जोशीमठ के ऊपर आपतित इस महाविपत्ति के नाश हेतु ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी महाराज के द्वारा अनेक सामाजिक, संवैधानिक और धार्मिक कार्य किया जा रहा है ताकि जोशीमठ के लोग हर तरह की विपत्ति से बच सकें पिछले दिनों शुरु किए गए सहस्रचण्डी महायज्ञ के क्रम में आज सातवें दिन 15 पण्डितों द्वारा हवन निरन्तर जारी है ।
आज से शुरु हुई शीतकालीन गुप्त नवरात्रि के अवसर पर प्रातः नृसिंह मंदिर प्रांगण में पण्डित रामदयाल मैदुली जी द्वारा नृसिंह पुराण का पारायण शुरु करवाया गया है जो कि आगामी वसंत पंचमी तक चलेगा । ज्योतिर्मठ के प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी ने पारायणकर्ता व्यास जी को तिलक वरणी करके पारायण आरम्भ करवाया ।
ज्योतिर्मठ की अधिष्ठात्री देवी का विशेष श्रृंगार होगा प्रतिदिन
ज्योतिष्पीठ की अधिष्ठात्री राजराजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी माता श्रीदेवी जी की विशेष आराधना इस माघ के नवरात्रि में सम्पन्न होगा जिसमें प्रतिदिन महापूजा , महाश्रृंगार, महाभोग लगाया जाएगा ।
इस बार की दम्पति पूजा भगवान कामेश्वर और कामेश्वरी के रूप में किया जाएगा*
ज्योतिर्मठ ,बदरिकाश्रम, हिमालय की ओर से वर्ष के चारों नवरात्रि में क्रमशः चैत्र में कन्यापूजन, आषाढ में बटुकपूजन, आश्विन में सुवासिनी पूजा सम्पन्न किया गया था जिसमें हर पूजा में 1000 एक सहस्त्र से अधिक की संख्या में सबकी पूजा की गई थी और अभी माघ में दम्पति पूजा की तैयारी भी पूरी हो चुकी थी परन्तु जोशीमठ पर ऊपर आई इस आपदा के कारण दम्पति पूजा का वो स्वरूप तो नही हो पाएगा परन्तु अनादि दम्पति भगवान शिव और भगवती महागौरी की पूजा कामेश्वराङ्कनिलया के रूप में करके भगवती से ये कामना की जाएगी कि जल्दी ही इस समस्या से समूल छुटकारा प्राप्त हो । उपस्थित रहे – सर्वश्री भुवनचन्द्र उनियाल, भगवतीप्रसाद नाम्बूरी, शिवानन्द उनियाल, सूरज सकलानी, प्रह्लाद सेमवाल आदि