उत्तराखंड की पांच संसदीय सीटों पर जनादेश, खिला कमल
देहरादून, 04 जून। उत्तराखंड की पांच संसदीय सीटों पर आज जनादेश आ गया हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा लगातार तीसरी बार पांचों सीटें जीतकर हैट्रिक लगा चुकी हैं। नैनीताल–उधमसिंहनगर लोकसभा सीट से भाजपा के अजय भट्ट की बंपर जीत हुई, कांग्रेस के प्रकाश जोशी की करारी हार हुई। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर अजय टम्टा ने जीत की हैट्रिक लगाई उन्होंने कांग्रेस प्रदीप टम्टा को हराया हैं। टिहरी संसदीय सीट पर माला राज्यलक्ष्मी शाह विजयी रही। टिहरी लोकसभा सीट पर माला राज्यलक्ष्मी शाह ने कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला को हराया।
आज अपराहन 3 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बीजेपी मुख्यालय पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेश की पाँचों लोकसभा सीटो पर भाजपा की विजय एवं केंद्र में एनडीए सरकार बनने पर कार्यकर्ताओं का उत्साह वर्धन किया एवं प्रदेश की जनता का भी आभार व्यक्त किया।
उत्तराखंड के 47,72,484 मतदाताओं ने अपने सांसद के लिये मतदान किया था। यहां पहले चरण में 19 अप्रैल को हुए चुनाव में 83,37,914 में से 57.24 यानी 47,72,484 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। सबसे ज्यादा 63.53 प्रतिशत वोट हरिद्वार लोकसभा में पड़े थे, जबकि सबसे कम 48.82 प्रतिशत वोट अल्मोड़ा लोकसभा सीट में पड़े थे। गढ़वाल में कुल 13,69,388 में से 7,17,834 वोट पड़े थे। टिहरी लोकसभा में कुल 15,77,664 वोट थे। इनमें से 8,42,212 वोट पड़े हैं। गढ़वाल लोकसभा में कुल 13,69,388 वोट थे। इनमें से 7,17,834 वोट पड़े थे। अल्मोड़ा लोकसभा में कुल 13,39,327 वोट थे। इनमें से 6,53,896 वोट पड़े थे। नैनीताल लोकसभा में कुल 20,15,809 वोट थे। इनमें से 12,59,180 वोट पड़े थे। हरिद्वार लोकसभा में कुल 20,35,726 वोट थे। इनमें से 12,93,362 वोट पड़े थे। चुनाव मैदान में उतरे 55 प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला करने वाली मतगणना का कार्य सुबह आठ बजे से शुरू हुआ। आरओ मुख्यालय देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल और अल्मोड़ा में सुबह आठ बजे से पहले पोस्टल बैलेट की गणना शुरू हुई और साढ़े आठ बजे से ईवीएम की गणना शुरू हुई। वहीं, बाकी आठ जिलों टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ में जिला मुख्यालयों पर सुबह आठ बजे से ईवीएम के वोटों की गणना शुरू हुई। प्रत्येक विधानसभा में पांच रैंडम सेलेक्टेड वीवीपैट मशीन के अंदर पर्चियों की काउंटिंग की गई। इसके बाद उसे ईवीएम में प्राप्त मतों के साथ टैली किया गया। चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारियों व सभी प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए 27 ऑब्जर्वर तैनात किए हुये थे। स्ट्रांग रूम को खोलते समय सभी प्रक्रियाओं की वीडियोग्राफी कराई गई। प्रदेश में ईवीएम मतगणना के लिए 884 टेबल लगाई गई थीं। काउंटिंग सेंटर में सुरक्षा की दृष्टि से तीन घेरों में सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई थी, जिसमें सबसे अंदर घेरे में सीआरपीएफ, दूसरे घेरे में राज्य सशस्त्र पुलिस बल और तीसरे घेरे में राज्य पुलिस तैनात रहीं।