उत्तराखंडधर्म

पौराणिक परंपराओं के साथ खुले केदारनाथ धाम के कपाट

रुद्रप्रयाग: ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट पूरे विधिविधान व पौराणिक परंपराओं के अनुसार भक्तों के दर्शनाथ खोल दिए गए हैं। आने वाले छह महीनों तक यहीं पर भक्त भोले बाबा के दर्शन कर सकेंगे। कपाट खुलने के मौके पर सात हजार से अधिक भक्तों मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे और सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पूजा और अभिषेक किया गया।

शीतकाल के छह महीनों तक पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विश्राम करने के बाद अब ग्रीष्मकाल के लिए भगवान केदार बाबा केदारपुरी में विराजमान हो गए हैं। तय समय व शुभ लग्नानुसार भगवान केदारनाथ के कपाट शुक्रवार सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं।

सुबह चार बजे से ही पूजा अर्चना शुरू हो गई थी। मुख्य पुजारी ने भगवान को भोग लगाने के बाद नित पूजाएं संपन्न की। इसके बाद उत्सव डोली को मंदिर में लाया गया। मंदिर में कपाट पर भी वैदिक परंपराओं के अनुसार पूजाएं की गईं। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग व प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर के शीलबंद कपाट को खोल दिया गया।

कपाट खुलने पर सर्वप्रथम रावल व मुख्य पुजारी ने उत्सव डोली के साथ मंदिर के अंदर प्रवेश किया। तथा गर्भगृह में परिक्रमा करने के बाद मंदिर में भोले शंकर विराजमान हो गए। इस शुभ अवसर पर पूरी केदारपुरी भोले शंकर के जयघोष से गूंज उठी। अब आने वाले ग्रीष्मकाल के छह महीनों तक भोले बाबा के भक्त यहीं पर बाबा के दर्शन कर सकेंगे।

कपाट खुलने के पावन अवसर पर सात हजार से अधिक भक्त मौजूद थे। इस मौके पर केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी टी गंगाधर लिंग, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान आदि मौजूद थे।

केदारनाथ यात्रा को लेकर भोले के भक्तों में भारी उत्साह है। केदारनाथ यात्रा शुरू होने के एक दिन पहले ही मुख्य पड़ाव स्थलों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। गौरीकुंड, सोनप्रयाग व केदारनाथ में देश-विदेश के लगभग 15 हजार यात्री पहुंच चुके हैं।

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