उत्तराखंड में हुनर की कमी नहीं है, जहां वो लड़का हो या लड़की उन्होंने हर फील्ड में अपना परचम लहरा रखा है। वही भारतीय हॉकी टीम में शामिल उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने इतिहास रच दिया है। वंदना कटारिया देश की ऐसी पहली हॉकी खिलाड़ी बन गईं हैं जिसने ओलंपिक्स में हैट्रिक दर्ज की है। टोक्यो ओलंपिक्स में भारत-साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए हॉकी के मुकाबले में उत्तराखंड की रहने वाली भारतीय खिलाड़ी वंदना कटारिया ने एक के बाद एक गोल बरसाकर ओलंपिक्स के इतिहास में हैट्रिक दर्ज करा दी। इसके साथ ही वंदना ओलंपिक्स में भारत की ओर से पहली ऐसी खिलाड़ी बन गईं, जिन्होंने हैट्रिक ली है।
वंदना ने मैच शुरू होने के महज चौथे मिनट में गोल दाग साउथ अफ्रीका पर बढ़त बना ली। वहीं दूसरा गोल भी वंदना कटारिया ने दागा। वंदना ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर भारत को 2-1 से बढ़त दिला दी। दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे क्वार्टर के अंतिम कुछ सेकंड में भारत के खिलाफ हाफ-टाइम में 2-2 से बराबरी की।
She shoots, she scores! 🏑😍
— Olympic Khel (@OlympicKhel) July 31, 2021
Vandana Katariya scored 3 of #IND's 4 goals in their match against #RSA to become the first Indian woman to register a hat-trick at the Olympics! 😍#Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | #Hockey pic.twitter.com/jfUaqyO1He
इसके बाद भारत ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर तीसरे क्वार्टर की शुरुआत की। नेहा ने गेम में अपना पहला स्कोर बनाया और भारत को 3-2 से आगे कर दिया। इसके बाद एक बार फिर साउथ अफ्रीका ने कड़ी टक्कर देते हुए तीसरा गोल दागकर मुकाबला 3-3 से बराबरी पर पहुंचा दिया। साउथ अफ्रीका की ओर से ग्लासबी ने पहला, हंटर ने दूसरा और मारैस ने तीसरा गोल किया। भारत की ओर से चौथा गोल एक बार फिर वंदना कटारिया ने दागा। इस गोल के साथ भारत ने मैच में जोरदार वापसी कर ली। 4-3 से बढ़त बनाकर भारतीय टीम ने ओलंपिक्स में बने रहने की उम्मीदें बरकरार रख दीं।
वंदना कटारिया (जन्म 15 अप्रैल 1992) एक भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय टीम में फारवर्ड के रूप में खेलती हैं। वंदना 2013 में सुर्खियों में आईं। 2013 महिला हॉकी जूनियर विश्व कप में भारत की शीर्ष गोल करने वाली खिलाड़ी होने के नाते, जहां भारत ने कांस्य पदक जीता। वंदना ने इस टूर्नामेंट में पांच गोल किए।
कटारिया 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों में सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुकी हैं। वह उस भारतीय टीम का हिस्सा थीं जिसने 2014 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था और 2016 के रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने अर्जेंटीना की लुसियाना आयमार को अपने पसंदीदा खिलाड़ी के रूप में उद्धृत किया है।
15 अप्रैल 1992 को जन्मी वंदना कटारिया हरिद्वार के रोशनाबाद गांव की हैं। जब वे महज 14 साल की थी तब उन्होंने 2006 में जूनियर अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्पर्धा में भाग लिया था और उसके बाद 2010 में उनको सीनियर राष्ट्रीय टीम में चुना गया था। इसके बाद उन्होंने 2013 में जर्मनी में जूनियर वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीता था और वहां पर वंदना सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बनी थीं। 2021 में उनको अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
वंदना कटारिया ने भारत के लिए अभी तक कुल 218 मुकाबले खेले हैैं जिसमें उन्होंने 58 गोल दागने में कामयाबी हासिल की है। वंदना ने भारतीय टीम के लिए एशियन गेम्स वर्ष 2014 में रजत और 2018 में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा वर्ष 2017 के एशिया कप में टीम चैैंपियन बनी। उन्हें वर्ष 2014 में साल की सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी चुना गया। हॉकी लीग में वंदना 11 गोल के साथ शीर्ष स्कोरर थीं।