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मनुष्य योनि किसी कर्म का सुफल नहीं है अपितु भगवान् की कृपा का परिणाम परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

 

 

भगवान् की कृपा से प्राप्त होता है मनुष्य शरीर

हमारे धर्मशास्त्रों में बताया गया है चौरासी लाख योनियाॅ हैं जिनमें से मनुष्य योनि को सर्वोत्कृष्ट माना गया है। यह मनुष्य योनि किसी कर्म का सुफल नहीं है अपितु भगवान् की कृपा का परिणाम है। बिना भगवान् की करुणा के यह मानव देह नहीं प्राप्त हो सकता।

उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ ने चातुर्मास्य प्रवचन के अवसर पर परीक्षित की कथा सुनाते हुए कही।

उन्होंने कहा कि भक्त के वर्णन के बिना भगवान् का वर्णन नहीं हो सकता। इसीलिए कहा गया कि भक्ति भक्त भगवन्त। पहले भक्त की कथा आती है, फिर भक्त के द्वारा की गयी भक्ति का वर्णन आता है और फिर अन्त में भगवान् का वर्णन आता है। इसीलिए श्रीमद्भागवत की कथा का प्रारम्भ भी भक्त की कथा से होता है और सबसे बडा भक्त परीक्षित को माना गया है।

आगे कहा कि भगवान् के जो सच्चे भक्त होते हैं वे किसी से बदला नहीं लेते। प्रशंसा हो या आलोचना सबमें समान रहते हैं। और वे इस बात को अच्छे से जानते हैं कि शरीर की निन्दा से कोई फर्क नहीं पडता क्योंकि शरीर स्वतः निन्द्य है और आत्मा सर्वव्यापी होने से उसकी निन्दा हो नहीं सकती। इसलिए वे निन्दा और स्तुति से ऊपर उठ जाते हैं और भगवान् के चरणों में अपना मन लगाते हैं।

पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी के प्रवचन का पूर्व पादुका पूजन सचिन बर्डिया के परिवार के, द्वारा किया गया एवं सातवें दिन की श्रीमद् भागवत कथा के यजमान भी रहे

, मंचीय कार्यक्रम में प्रमुख रूप से चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष व निजी सचिव *ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, ऋषिकेश संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी* आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन *श्री अरविन्द मिश्र* एवं संचालन *ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी* ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ज्योतिष पीठ के सीईओ चंद्र प्रकाश उपाध्याय पंडित देवदत्त दुबे अन्नू भैया सुनील शर्मा सोहन तिवारी माधव शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी रामकुमार तिवारी पंडित आनंद उपाध्याय , पीडब्ल्यूडी कार्यपालन अधिकारी अरविंद कुमार एसडीओ के साथ वरिष्ठ समाजसेवी ठेकेदार पंकज चौक से दिग्विजय सिंह बद्रीचौकसे, नारायण गुप्ता लक्ष्मी नारायण तिवारी टिंकू अग्रवाल अरविंद पटेल कपिल नायक सहित बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही हैै कार्यक्रम के उपरांत प्रसाद का वितरण भी किया गया

*कल आयोजित होगा स्वातन्त्र्य तिथि महोत्सव*

पूज्यपाद अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शङ्कराचार्य जी महाराज के दिव्य सान्निध्य में कल 7:30 से बजे8:30 बजे तक मेला ग्राउंड के पास आनंद भवन स्थान पर स्वातन्त्र्य तिथि महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज का मानना है कि भारत में भारतीय कालगणना के अनुसार ही अपने पर्व एवं महोत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। भारत से जब अंग्रेज चले गये तो अब ग्रेगेरियन कैलेण्डर के अनुसार स्वतन्त्रता दिवस मनाना उचित नहीं है।

चातुर्मास्य के अवसर पर पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज का गीता पर प्रवचन प्रातः 7.30 से 8.30 बजे तक भगवती राजराजेश्वरी मन्दिर में होता होता है जिसका प्रसारण 1008.guru यू ट्यूब चैनल पर प्रतिदिन होता है।

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