देहरादून विकासनगर
विधानसभा सत्र के पश्चात आज सुबह से उत्तराखंड में अवैध कब्जों पर एक बार फिर धामी सरकार का बुलडोजर चला है। हिमाचल, यूपी की सीमा से लगे पछुवा देहरादून में ढकरानी क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए मकानों को आज धामी सरकार के बुलडोजरों ने मिट्टी में मिला दिया। उत्तराखंड जल विद्युत निगम की जमीन पर अवैध रूप से बसे ये लोग यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ आदि जिलों से यहां आकर पक्के मकान बनाकर रहने लगे थे और इन्हे कांग्रेस, भीम आर्मी आदि राजनीतिक दलों का संरक्षण मिला हुआ था।
ढकरानी, शक्ति नहर, आसन बैराज के दोनों तरफ 900 से ज्यादा परिवारों को अवैध कब्जा करने की वजह से चिन्हित किया गया था। इन्हें खुद भवन गिराने के लिए जल विद्युत निगम द्वारा नोटिस दिया गया था और इन्हें 10 मार्च तक इसे खाली करने को कहा गया था। अवैध कब्जेदारों ने कब्जा नहीं छोड़ा और यहां राजनीति शुरू हो गई थी। राजनीतिक दलों और मुस्लिम संस्थाओं ने इसे मुस्लिम उत्पीड़न के मुद्दे से जोड़ना शुरू कर दिया था। ऐसा इसलिए किया जा रहा था कि पश्चिम यूपी से आए 700 से ज्यादा मुस्लिम परिवार यहां अवैध कब्जा करके बैठे हुए थे और उनके समर्थन में जमीयत ए उलेमा हिंद, मुस्लिम सेवा संस्था यहां मस्जिदों में बैठकें कर रहे थे।
इन्हीं सूचनाओं के बीच धामी सरकार ने 19 मार्च की सुबह भारी पुलिस फोर्स लगाकर बुलडोजरों से अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी। सरकार के सख्त एक्शन का विरोध करने कुछ नेता आए भी जिन्हें पुलिस अधिकारियों ने अपने घेरे में ले लिया। इस अभियान में एक दर्जन जेसीबी बुलडोजर, 100 से ज्यादा मजदूर, ट्रैक्टर और तीन कंपनियां पीएसी लेकर एडीएम ने कार्रवाई शुरू की।